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Community Kitchen : केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, पीठ ने कहा- भुखमरी रोकना पहली जिम्मेवारी
(भुखमरी से मौत रोकने की कार्ययोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है) File pic.
Community Kitchen : सामुदायिक रसोई बनाने के मसले पर मंगलवार, 16 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई एनवी रमन्ना (CJI NV Ramanna) की बेंच ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप भूख का ख्याल रखना चाहते हैं तो कोई संविधान, कोई कानून ना नहीं कहेगा। हम पहले से ही देरी कर रहे हैं।
बेंच ने सरकार (Modi Government) को दो सप्ताह का समय दिया, लेकिन अटॉर्नी जनरल ने योजना को अंतिम रूप देने के लिए 3 सप्ताह का समय मांगा। उनकी दलील पर बेंच ने सहमति देते हुए कहा कि यह अंतिम समय दिया जा रहा है। लेकिन इस बार समग्र जवाब के साथ ही कोर्ट में आएं।
पीठ में न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और हिमा कोहली भी शामिल थीं। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि केंद्र के हलफनामे और प्रस्तुतियों से प्रतीत होता है कि वह अभी भी इस मामले पर सुझाव लेने की प्रक्रिया में है। पीठ ने कहा, "ऐसा लगता है कि सरकार योजना को लागू करने के मूड में नहीं है.."
मामले में विस्तृत दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह केंद्र सरकार को कुछ ऐसी योजना लाने के लिए तीन सप्ताह का समय देगी, जिस पर विभिन्न राज्य सरकारें भी सहमत हो सकती हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने केंद्र से कहा कि लोग भूख से मर रहे हैं और कुपोषण एक अलग मुद्दा है, और उन्हें न मिलाएं। कोर्ट ने साथ ही कहा कि हम ग्लोबल हंगर इंडेक्स के बारे में परेशान नहीं है, लेकिन हमारा उद्देश्य देश में केवल भूख के मुद्दों पर अंकुश लगाना है। पीठ ने कहा कि किसी भी कल्याणकारी राज्य की पहली जिम्मेदारी लोगों को भूख से मरने नहीं देना है।
बता दें कि बीते 27 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित किया था। इसमें केंद्र को राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर एक योजना के साथ आने को कहा गया था।
बेंच ने भुखमरी से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सामुदायिक रसोई नीति तैयार करने की मांग वाली रिट पर सुनवाई के दौरान ये आदेश दिया था।
आज की सुनवाई एएसजे ने बेंच को बताया कि आदेश के तहत केंद्र ने राज्यों के साथ वर्चुअल बैठक की थी। लेकिन हलफनामे को देखकर बेंच गुस्सा हो गई।
पीठ ने कहा कि अगर राज्य सरकारों को कोई आपत्ति है तो उस पर अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा। पीठ ने कहा, "हम सभी राज्यों को एक योजना लाने में भारत सरकार के साथ सहयोग करने का निर्देश देते हैं.."
याचिका में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सब्सिडी वाली कैंटीन की मांग की गई थी, जो महामारी से तबाह हो गई थी।