दिल्ली में पहलवानों के पुलिसिया दमन और खिलाड़ियों समेत समर्थक सामाजिक कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज किए जाने के खिलाफ इंदौर में प्रदर्शन
इंदौर । दिल्ली में नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे आंदोलनरत पहलवानों महिलाओं और किसान संगठनों से जुड़े नेताओं की गिरफ्तारी उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करने आदि की घटनाओं के खिलाफ आज 29 मई को इंदौर के वामपंथी समाजवादी दलों और अन्य जनसंगठनों की और से संभाग आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी, नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे आंदोलनरत पहलवानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सोशलिस्ट पार्टी इंडिया एसयूसी अखिल भारतीय किसान सभा किसान संघर्ष समिति अखिल भारतीय शांति में जूता संगठन सहित कई संगठनों के पदाधिकारी शामिल है प्रदर्शनकारियों ने बड़ी देर तक संभाग आयक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा बाद में उप संभाग आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से रूद्र पाल यादव कैलाश लिंबू दिया अरविंद पोरवाल रामस्वरूप मंत्री मुकेश चौधरी सोनू शर्मा प्रमोद नामदेव अरुण चौहान कैलाश यादव भागीरथ पछताए आदि शरीफ थे।
दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि नई दिल्ली के जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के आह्वान पर आयोजित होने वाली महापंचायत में शामिल होने जा रहे सामाजिक कार्यकर्ता व जन आंदोलन के महत्वपूर्ण नेताओं सहित आन्दोलनकारी पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को गिरफ्तार करने एवं संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज करना लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक अधिकारों का हनन है तथा सरकार का दमनकारी रवैया है जिसकी सभी संगठन निंदा करते हैं।
केंद्र सरकार की शह पर दिल्ली पुलिस द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारो की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जाती है। जंतर मंतर पर "महिला सम्मान महापंचायत" का आयोजन आन्दोलनकारी पहलवानों के समर्थन में किया किया गया था। प्रदर्शन में कई जानी-मानी हस्तियों, सामाजिक कार्यकर्ता व विभिन्न संगठनों के नेतागणों को शामिल होना था। लेकिन, लोकतांत्रिक अधिकारों का घोर उल्लंघन करते हुए दिल्ली पुलिस ने कई लोगों को महापंचायत में जाने से रोकने के लिए सुबह से ही गिरफ्तार किया, अपने घर में ही नजरबंद किया। इसके बाद में जंतर मंतर पर प्रदर्शन करते हुए सैकड़ो की संख्या में प्रदर्शनकारीयों को गिरफ्तार किया गया। उनके ऊपर पुलिसिया दमन किया गया, जिसमे कई छात्र ओ को चोटे भी आई है। यह गिरफ्तारियां हर एक नागरिक के अन्याय के खिलाफ प्रतिवाद करने के मूलभूत अधिकार पर एक फासीवादी हमले से ज्यादा कुछ नहीं है, यह बहुत ही चिन्ता की बात है कि केन्द्र सरकार अपने सांसद को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, जबकि उस पर यौन उत्पीड़न के गम्भीर आरोप है और वह पोस्को एक्ट का दोषी है। ज्ञापन में मांग की गई है कि
पहलवानों के आंदोलन से जुड़े हुए सभी नेताओं की तुरन्त रिहाई करो, महिला पहलवानों के ऊपर की गई FIR को तुरंत बापिस ली जाए ,ब्रजभूषण शरण को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।