लघु सचिवालय के बाहर किसानों ने गाड़े टेंट, टिकैत बोले- अब यहां से हिलने वाले नहीं
किसान नेता टिकैत ने कहा है कि जबतक मंत्री व उनके पुत्र पर कार्रवाई नहीं तबतक अंतिम संस्कार नहीं (phile photo : twitter)
जनज्वार। हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय के पास किसानों की भारी भीड़ अब भी जमी हुई है। जगह-जगह टोलियों में बैठे किसानों के हाथों में चाय की प्याली है तो जगह-जगह किसानों के समर्थन में नारे लग रहे हैं। किसानों का साफ कहना है कि मांग पूरी होने तक वे यहां से हिलने वाले नहीं।
उधर हरियाणा के करनाल में किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव आदि किसान नेताओं को गिरफ्तार करने की सूचना पर जेवर क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने यमुना एक्सप्रेस वे के जेवर टोल प्लाजा पर पंचायत की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को साढ़े सात बजे के करीब सैकड़ों की तादात में किसान ट्रैक्टर ट्राली से जेवर टोल पर पहुंचे, जहां पर किसान नेता महेंद्र चोरोली ने उन्हें संबोधित किया।
वहीं, लघु सचिवालय के गेट पर पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस के जवान तैनात हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन्हें किसानों को किसी भी कीमत पर अंदर न जाने देने के आदेश दिए गए हैं। किसानों ने भी सचिवालय में आवाजाही रोकी हुई है। उनका कहना है कि वे न तो किसी को अंदर जाने देंगे और न ही कोई काम होने देंगे। शहर में आवाजाही सुचारू रूप से बहाल कर दी गई है।
अब किसी को कहीं आने-जाने में दिक्कत नहीं होगी, लेकिन लघु सचिवालय न आने की अपील की गई है, क्योंकि यहां होने वाले सभी काम बाधित हो सकते हैं। दरअसल, किसानों ने किसी भी अधिकारी को लघु सचिवालय में प्रवेश न करने देने का ऐलान किया है।
करनाल में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा में सत्तासीन भाजपा सरकार से कई बार बात हुई। हमारी बात नहीं मानी तो लघु सचिवालय में ही महापड़ाव जारी रहेगा। अब किसान पीछे नहीं हटेंगे। बता दं कि किसान महापंचायत की 11 सदस्यीय कमेटी करनाल एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
उधर, प्रशासन की तरफ से भी अभी तक आमजन व कर्मचारियों के कामकाज को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। लघु सचिवालय में बने कार्यालयों में रोजाना 5000 लोग पहुंचते हैं, लेकिन अपील की गई है कि सचिवालय के कामकाज के लिए जरूरी न हो तो आज न आएं।
लघु सचिवालय में डीसी, एसपी, एसडीएम, ई-दिशा केंद्र, सीएम विंडो, तहसील, ट्रेजरी, एडीसी, डीआरओ, डीडीपीओ, डीईओ, निर्वाचन आयोग, श्रमिक कार्यालय हैं। इसके अलावा बैंक, समाज कल्याण, जिला कल्याण, और रोजगार विभाग भी हैं।
बता दें कि 28 अगस्त को पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया था। पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए करनाल के रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल की मौत हो गई थी। इसके विरोध में किसानों ने 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में महापंचायत की।
30 अगस्त को भाकियू ने घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत करके हरियाणा सरकार से तीन मांगें रखी थीं। साथ ही महापंचायत और लघु सचिवालय का घेराव करने की घोषणा की थी। 6 सितंबर को प्रशासन ने बातचीत के लिए किसानों को बुलाया, लेकिन बात नहीं बनी।
मंगलवार को महापंचायत हुई और किसानों का जमावड़ा देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को प्रशासन ने बातचीत का न्योता भेजा। दोपहर में राकेश टिकैत, गुरनाम चढ़ूनी, योगेंद्र यादव व दर्शनपाल आदि के नेतृत्व में 15 सदस्यीय कमेटी लघु सचिवालय पहुंची।
3 दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता सिर फोड़ने का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के निलंबन पर अड़ गए, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई। इसके बाद बलबीर सिंह राजेवाल के आदेशों के बाद किसानों ने लघु सचिवालय की ओर कूच किया।