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Aadhar Card : आधार कार्ड के दुरुपयोग पर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना, जानें क्या बना नया कानून

Janjwar Desk
4 Nov 2021 3:30 AM GMT
Aadhar Card : आधार कार्ड के दुरुपयोग पर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना, जानें क्या बना नया कानून
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(आधार कार्ड का दुरुपयोग रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नया कानून बनाया है) प्रतीकात्मक तस्वीर

बता दें कि आधार कार्ड (Aadhaar Card) के दुरुपयोग की कई खबरें सामने आती थीं। किसी के आधार कार्ड दुरुपयोग गैरकानूनी तो है, लेकिन अभी तक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को इस संबंध में किसी तरह की कार्रवाई का अधिकार नहीं था।

AADHAR CARD : केंद्र सरकार (Central Government) ने आधार कार्ड (Aadhar Card) को लेकर नया कानून बना दिया है। अब आधार कार्ड के अधिनियमों (AADHAR Act) का पालन ना करने वालों के खिलाफ 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को दे दिया गया है। कानून पारित होने के लगभग दो साल बाद अब केंद्र सरकार द्वारा इन नियमों की अधिसूचना जारी की गई है।

बता दें कि आधार कार्ड (Aadhaar Card) के दुरुपयोग की कई खबरें सामने आती थीं। किसी के आधार कार्ड दुरुपयोग गैरकानूनी तो है, लेकिन अभी तक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को इस संबंध में किसी तरह की कार्रवाई का अधिकार नहीं था।

केंद्र सरकार ने UIDAI को आधार अधिनियम (Aadhaar Act) का पालन न करने वालों के खिलाफ अब एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार दे दिया है।

इस नए नियम के तहत UIDAI आधार नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की जा सकती है।

साथ ही दोषियों पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सरकार ने 2 नवंबर को UIDAI ( जुर्माने का अधिनिर्णय ) नियम, 2021 की अधिसूचना जारी कर दी है।

सरकार, आधार और अन्य कानून (संशोधन) अधिनियम, 2019 लाई था ताकि UIDAI के पास कार्रवाई करने के लिए अधिकार हों। मौजूदा आधार अधिनियम के तहत UIDAI के पास आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकार नहीं हैं।

साल 2019 में पारित कानून में तर्क दिया गया था, 'निजता की रक्षा के लिए और UIDAI की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए इसको संशोधित करने की आवश्यकता है.' इसके बाद सिविल पेनाल्टी के प्रॉविजन के लिए आधार अधिनियम में एक नया चैप्टर जोड़ा गया।

नोटिफिकेशन के नियमों में कहा गया है कि निर्णायक अधिकारी भारत सरकार के संयुक्त सचिव (ज्वॉइंट सेक्रेटरी) के पद से नीचे का नहीं होगा। उसके पास 10 साल या उससे ज्यादा का काम का अनुभव होगा।

कम से कम तीन साल के अनुभव के साथ कानून, प्रबंधन, सूचना टेक्नोलॉजी या कॉमर्स के किसी भी विषय में प्रशासनिक या तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है।

बता दें कि नए नियम के तहत UIDAI के निर्देशों का उल्लंघन होने पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। नियुक्त अधिकारी इन मामलों पर सुनवाई करेंगे और उल्लंघन करने वाले पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं। यही नहीं उनके फैसलों के खिलाफ दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील भी की जा सकती है।

नियमों के मुताबिक, UIDAI अपने किसी अधिकारी को प्रजेंटिंग ऑफिसर के रूप में नामित कर सकता है। यह अधिकारी ही प्राधिकरण की ओर से मामले को निर्णायक अधिकारी के सामने पेश करेगा।

बता दें कि इस समय सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से लेकर सिम कार्ड, पैन कार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न आदि सभी जगह आधार को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में कई बार आधार का दुरुपयोग किया जाता है।

अब सरकार ने इस दुरुपयोग को रोकने के लिए ही नोटिफिकेशन के साथ 1 करोड़ रुपए का भारी-भरकम जुर्माने की शर्त भी रख दी है।

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