Banda news : इमेज सुधार में जुटे कैबिनेट मंत्री राकेश सचान का गीता ज्ञान, बांदा नाव हादसे के लिए यूपी सेतु निगम जिम्मेदार
Banda news : इमेज सुधार में जुटे कैबिनेट मंत्री राकेश सचान का गीता ज्ञान, बांदा नाव हादसे के लिए यूपी सेतु निगम जिम्मेदार
Banda News : हाल ही में अवैध असलहा रखने के आरोप में दोषी करार दिए गए योगी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ( Rakesh Sachan ) इन दिनों इमेज सुधार की मुहिम में जुटे हैं। उन्हें लोगों की चिंता कम, खुद की चिंता ज्यादा है। ऐसा इसलिए कि आठ अगस्त को गैर कानूनी तरीके से राइफल रखने के मामले में अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था। अब वह मंत्री पद बचाने की मुहिम में जुटे हैं। वह योगी कैबिनेट में एमएसएमई मंत्री ( Yogi cabinet minister Rakesh Sachan ) हैं। उनकी कुर्सी कभी भी छिन सकती है। यही वजह है कि इन दिनों वो मंत्री पद बचाने के लिए इमेज सुधार की मुहिम में जुटे हैं। इसी क्रम में वह अपने क्षेत्र में विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इस क्रम में जब उनके सामने बांदा नाव दुर्घटना ( Banda Naav hadsa ) 13 लोगों की मौत का मामला सामने आया तो उन्होंने इसके लिए यूपी सेतु निगम ( UP Bridge corporation ) को जिम्मेदार ठहरा दिया, पर ये नहीं बताया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्या होगी। काश! मंत्री जी अपने विकास कार्यों का पहले ध्यान रख लेते तो ये घटना ही नहीं होती।
2023 तक निर्माण कार्य पूरा करने के दिए निर्देश
बांदा पहुंचे राकेश सचान ( Rakesh Sachan ) ने मरका नाव हादसे ( Banda Boat accident ) को लेकर जारी अपने बयान में कहा है कि इस घटना के लिए यूपी सेतु निर्माण निगम जिम्मेदार ठहराते है। यदि समय रहते काम पूरा कर लिया जाता तो 13 लोगों को जान नहीं गंवानी पड़ती। यहां पर अहम सवाल यह है कि विकास कार्यों को समय से पूरा कराने में स्थानीय जनप्रतिनिधि की भूमिका अहम होती है। तो क्या अब तक राकेश सचार सोये हुए थे। यह हादसा उस समय हुआ जब कई भाई. बहन राखी बंधवाने के लिए फतेहपुर जा रहे थे। 2023 तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। उनके इस बयान पर क्षेत्र के लोग कह रहे हैं कि खुद की कुर्सी जाने से डरे हुए हैं मंत्री जी। क्या, उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं है कि बांदा में पुल का निर्माण कार्य मंद गति से चल रहा है। भ्रष्टाचार की वजह से पुल का काम अटका हुआ है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि अभी तक मंत्री सोये थे। ये सब नाटक है। क्षेत्र की जनता मरे या जीये इस बात से राकेश सचान जैसे नेताओं को कोई लेना देना नहीं है।
मरका में रक्षा बंधन के दिन हुआ था नाव हादसा
बता दें कि 11 अगस्त को बांदा जिले के यमुना नदी मरका घाट पर बड़ा नाव हादसा हो गया था। प्रशासन के मुताबिक इस नाव हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो थी। वहीं 17 लोग तैरकर बाहर निकल आए थे। यह हादसा उस समय हुआ थाए जब कई भाई व बहन राखी बंधवाने के लिए फतेहपुर जा रहे थे। मरका नाव हादसे के बाद लगातार उठ रहे सवालों के बीच सरकार ने घटना के 14 दिन बाद अपनी स्थिति साफ कर दी है। इस हादसे पर प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है।
जनता की कम खुद की चिंता ज्यादा
दरअसल, 23 अगस्त को कानपुर में अवैध असलहा रखने में आर्म्स एक्ट के तहत लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ( Rakesh Sachan ) दोषी करार दिए गए थे। इससे बचने के लिए उन्होंने अदालत के सामने याचिका दायर की है। उनकी अपील पर फैसला आने तक के लिए कोर्ट ने उन्हें 25-25 हजार की दो जमानतों पर रिहा करने का आदेश दे दिया है। पिछले आठ अगस्त को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव ने राकेश सचान को एक साल कैद और 1500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। यह मामला नौबस्ता में 13 अगस्त 1991 को तत्कालीन एसओ बृजमोहन उदेनिया ने राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दो दिन पहले यूपी सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को सजा होने के बाद शासन ने मुकदमा वापसी को लेकर रिपोर्ट मांगी है। अभियोजन ने इसकी लिस्ट तैयार कर ली है। जल्द ही मुकदमा वापसी संबंधी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
जल जीवन मिशन पर तेजी से अमल का निर्देश
विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान राकेश सचान ( Rakesh Sachan ) ने जल-जीवन मिशन के कार्यों को 20 सितंबर तक पूरा कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। डीएम अनुराग पटेल से कहा कि एक कमेटी बनाकर जल.जीवन मिशन के कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। कार्यदायी संस्था एलएनटी खटान पाइप पेयजल योजना को 20 दिन शेष रह गए हैं। उसका कार्य अभी 60 प्रतिशत से भी कम है। 30 सितंबर तक इनके द्वारा कार्य पूर्ण नही होने पर अर्थ दंड लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
विधायक ओएम वर्मा ने विद्युत व्यवस्था पर जताई नाराजगी
समीक्षा बैठक में मौजूद रही नरैनी विधायक ओम मणि वर्मा ने जिले में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था बहुत ही खराब होने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में छह से सात घंटे बिजली दी जा रही है। इस पर मंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए रोस्टर के मुताबिक बिजली देने की मांग की। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विद्युत प्रभुनाथ प्रसाद जिलाधिकारी के बिना अनुमति के मुख्यालय से बाहर जाने पर स्पष्टीकरण के साथ अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। विधायक ने बिजली विभाग फर गंभीर आरोप लगाए हैं।