किसान आंदोलन को हिंदू-मुसलिम में बांटने में भाजपा ने लगाया जोर, उसके नेताओं को आने लगे टुकड़े-टुकड़े गैंग के सपने
जनज्वार। भाजपा के वरिष्ठ नेता व बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार शाम सिलसिलेवार ट्वीट कर किसान आंदोलन में टुकड़े-टुकड़े गैंग के शामिल होने की बात कही है। उन्होंने आवार्ड वापसी कर सरकार पर दबाव बनाने की साजिश करने और नागरिकता संशोधन अधिनियम, सीएए आंदोलन को संचालित करने वाली ताकतों के हाथ में चले जाने की बात कही है। सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि किसान आंदोलन को भारत-विरोध की गलत दिशा में ले जाने के लिए विदेशी फंडिंग से चलने वाले लगभग 100 छोटे-बडे संगठनों की संलिप्तता पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।
टुकड़े-टुकड़े गैंग ने किसान आंदोलन को हाईजैक किया... pic.twitter.com/wgphwZHZ0r
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 3, 2020
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पुरस्कार वापसी से दबाव बनाने की कोशिश माहौल बिगाड़ कर टकराव बढाने की नीयत जाहिर करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून और इसकी मंशा को गंगा की तरह पवित्र कहा है, लेकिन किसान आंदोलन की नीयत अमृतसर साहिब जैसी खालिस नहीं लगती।
किसान आंदोलन को भारत-विरोध की गलत दिशा में ले जाने के लिए विदेशी फंडिंग से चलने वाले लगभग 100 छोटे-बड़े संगठनों की संलिप्तता पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।
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उन्होंने लिखा है कि केंद्र सरकार पंजाब-हरियाणा के किसानों की आशंका दूर करने में लगी है। उनके प्रतिनिधियों से सरकार का शीर्ष नेतृत्व जब पूरी गंभीरता व सहानुभूति के साथ लगातार बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है। सुशील कुमार मोदी ने यह भी कहा है कि किसानों को स्थानीय मंडी और देश के खुले बाजार से कहीं भी सबसे अच्छे दाम पर फसल बेचने की आजादी देने वाले कृषि कानून को लेकर ज्यादातर चिंताएं निराधार या राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने लिखा है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग ने किसान आंदोलन हाइजैक कर लिया है।
तब पुरस्कार वापसी से दबाव बनाने की कोशिश माहौल बिगाड़ कर टकराव बढाने की नीयत जाहिर करती है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानून और इसकी मंशा को "गंगा की तरह पवित्र" कहा, लेकिन किसान आंदोलन की नीयत अमृतसर साहिब जैसी खालिस नहीं लगती।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जेएनयू के वामपंथी छात्र, महाराष्ट्र के मछुआरा संघ, सीटू और एआइकेएस जैसे गैर किसान संगठनों की भागीदारी के बाद किसानों के मुद्दे पर हिार को जाम करने की माकपा की धमकी का एनडीए कड़ राजनीतिक प्रतिरोध करेगा। उन्होंने किसान आंदोलन की तुलना शाहीनबाग माॅडल से की है और कहा है कि इससे सीएए विरोधी ताकतों ने हाइजैक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मालूम हो कि भाजपा समर्थक अभिनेत्री कंगना राणावत ने भी किसान आंदोलन में भारत विरोधी ताकतों के शामिल होने की बात कही है। उन्होंने भी टुकड़े-टुकड़े गैंग द्वारा इसे संचालित करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं कंगना ने किसान आंदोलन में पाकिस्तानी पत्रकारों की भूमिका तक बतायी है।
जेएनयू के वामपंथी छात्र, महाराष्ट्र का मछुआरा संघ, सीटू और एआईकेएस जैसे गैरकिसान संगठनों की भागीदारी के बाद किसानों के मुद्दे पर बिहार को जाम करने की माकपा की धमकी का एनडीए कड़ा राजनीतिक प्रतिरोध करेगा।
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