ट्रेड यूनियनों और किसानों के आंदोलन के समर्थन में राजद और वामदल सुबह-सुबह सड़क पर उतरे
पटना में सुबह-सुबह सड़क पर प्रदर्शन करते राजद कार्यकर्ता
जनज्वार ब्यूरो, पटना। आज देशभर में ट्रेड यूनियन की तरफ से हड़ताल बुलाई गयी है, वहीं किसान संगठन भी दिल्ली कूच पर हैं। इधर, बिहार में ट्रेड यूनियन और किसानों की हड़ताल को कई दलों ने अपना समर्थन दिया है। बिहार में राजद, कांग्रेस और वामदलों ने इस देशव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है। राज्य के कई हिस्सों में सुबह-सुबह ही राजद और वामदलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं।
सुबह से ही कई स्थानों पर राजद और वामदलों के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। उधर किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा आदि राज्यों में भारी बवाल चल रहा है और स्थानीय पुलिस इन किसानों को दिल्ली मार्च से रोकने की हरसंभव कोशिश कर रही है। फिर भी किसान पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं।
देश के 10 मजदूर और कर्मचारी संगठनों ने आज इस बंद का आह्वान किया है। ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज यूनियन ने भी हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इन संगठनों का कहना है कि बंद बुलाने का कारण बैंकों का निजीकरण न होने देना, मजदूरों के खिलाफ कानून बनाने पर रोक लगाने, कृषि बिल में सुधार और बेरोजगारी भत्ता देने की मांग है।
बता दें कि इन संगठनों ने दावा किया है कि इस हड़ताल में देश के लगभग 26 करोड़ वर्कर काम नहीं करेंगे और अपनी मांगों को लेकर सड़क पर प्रदर्शन करते नज़र आएंगे। हड़ताल में बैंक भी शामिल हैं, लिहाजा बिहार में आज बैंक बंद है। राज्य के अंदर बैंकों की कुल 6088 शाखाएं बंद होने की वजह से 4 लाख करोड का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
राज्य भर में भारतीय स्टेट बैंक को छोड़ सभी बैंकों में काम प्रभावित रहेगा। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ कुमार अरविंद ने बताया कि देशभर के नौ सेंट्रल ट्रेंड यूनियन की तरफ से बुलाये गए हड़ताल में उनका संगठन शामिल है।
मजदूर और कर्मचारी संगठनों के इस आंदोलन में दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों 'इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियान ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल हैं।
इन यूनियनों के संयुक्त फोरम ने बुधवार को एक बयान जारी किया है। संयुक्त फोरम ने कहा है कि 26 नवंबर की अखिल भारतीय हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी हिस्सा लेंगे।