मिनी गन फैक्ट्री लगा बना रहे थे बन्दूक-पिस्तौल, चुनावों के बीच बरामद हुआ हथियारों का जखीरा
बरामद हथियारों का जखीरा
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा चुनावों के बीच भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए हैं। ये हथियार अवैध मिनी गन फैक्ट्री में तैयार किए गए थे। पुलिस ने छापामारी कर इस अवैध मिनी गन फैक्ट्री से राइफल, कार्बाइन, रिवाल्वर, पिस्टल, कट्टा, हथगोले बनाने के सामान और उपकरण सहित दर्जनों हथियार बरामद किए हैं।
मुंगेर की एसपी लिपि सिंह ने कहा 'हवेली हवेली खड़गपुर में अवैध मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया है। हथियार तस्करों के तार अंतरराज्यीय जुड़े हुए हैं। चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई में 7.65 एमएम की पांच पिस्टल ऐक 6 चकरिया रिवाल्वर, 6 कट्टा, 7 पॉइंट 6.5 एमएम की 50 जिंदा गोलियां तथा रिवाल्वर की एक गोली बरामद की गई है।'
इस मामले में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मोहम्मद फजल और पंकज सिंह को गिरफ्तार किया गया है। मोहम्मद फजल असरगंज थाना क्षेत्र के विष्णुपुर का रहने वाला है, जबकि पंकज सिंह हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के बिरोही गांव का रहने वाला है।
उधर असरगंज थाना क्षेत्र के की गई कार्रवाई में मोहम्मद शमशेर और रिंकू पाठक को गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि हवेली खड़गपुर थाना अंतर्गत मुढेरी गांव में अवैध मिनी गन फैक्ट्री संचालित किए जाने की सूचना पुलिस अधीक्षक को मिली थी।
एसपी ने बताया कि मुढेरी गांव में यह कार्रवाई की गई है। गांव में छापामारी के दौरान नाइन एमएम की एक कार्बाइन, .22 बोर की एक राइफल, एक रिवाल्वर, 10 देसी कट्टा, 7.65 एमएम की एक पिस्टल, तीन अर्द्ध निर्मित राइफल, चार अर्धनिर्मित कार्बाइन, एक अर्ध निर्मित देसी कट्टा, दो अर्ध निर्मित पिस्टल बरामद किया गया।
इसके अलावा तीन बेस मशीन, दो ड्रिल मशीन, एक छोटा वेल्डिंग मशीन, तीन हैंड मशीन, आठ रेती बरामद किया गया। कार्बाइन की 12 मैगजीन बरामद की गई तथा कार्बाइन में इस्तेमाल होने वाले कई स्प्रिंग भी बरामद किया गया है।
पुलिस की कार्रवाई के दौरान हथियार तस्करी के अंतरजिला और अंतरराज्यीय नेटवर्क को संचालित करने वाले सौरव को गिरफ्तार किया गया है। उसके भाई सुस्मित साव, और पिता सुधीर साह की भी गिरफ्तारी हुई है। एसपी ने कहा कि सौरव का पूरा परिवार अवैध हथियार बनाने और उसे दूसरे जिलों के अलावा दूसरे राज्यों को बेचने के रैकेट में शामिल था। हथियारों को बिहार के दूसरे जिलों के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी बेचा जा रहा था।