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बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी ने जीता पंचायत चुनाव, दंगे में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हुई थी हत्या

Janjwar Desk
4 May 2021 11:57 AM IST
बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी ने जीता पंचायत चुनाव, दंगे में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हुई थी हत्या
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(योगेश राज)

योगेश के खिलाफ नामजद एफआईआर थी। हिंसा भड़काने का मुख्य आरोप योगेश राज पर लगा था। पुलिस ने उन्हें 3 जनवरी, 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था....

जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई साल 2018 की हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज ने पंचायत चुनाव जीत लिया है। बजरंग दल के पूर्व कार्यकर्ता योगेश राज जमानत पर बाहर आया हुआ था। बता दें कि 2018 की बुलंदशहर हिंसा राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया था। यहाँ गोकशी के आरोप में ढंग हुआ था जिसमे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गयी थी। दंगा भड़काने के आरोप में योगेश को जेल भेज गया था।

योगेश राज 2018 में बजरंग दल के बुलंदशहर इकाई के संयोजक थे। 3 दिसंबर 2018 को जिले में गोकशी के आरोप में हिंसा भड़की। सियाना इलाके मे हुई इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह समेत दो की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने 80 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसमें 27 आरोपी नामजद थे और बाकी अज्ञात थे।

योगेश के खिलाफ नामजद एफआईआर थी। हिंसा भड़काने का मुख्य आरोप योगेश राज पर लगा था। पुलिस ने उन्हें 3 जनवरी, 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके ऊपर एनएसए भी लगाया गया था। मामले की जांच के लिए गठित एक विशेष जांच दल (SIT) ने अदालत में दायर आरोप पत्र में उनके ऊपर लगाया गया एनएसए हटा दिया गया था। योगेश को अक्टूबर 2019 में जमानत दे दी गई थी।

बजरंग दल की पश्चिमी उत्तर प्रदेश इकाई के सह-संयोजक प्रवीण भाटी ने कहा कि योगेश उनके दल के पदाधिकारी या सदस्य नहीं है। भाटी ने कहा कि बजरंग दल या इसके मूल निकाय विश्व हिंदू परिषद (VHP) का कोई सदस्य इस तरह के चुनाव नहीं लड़ सकता है। वही योगेश ने कहा कि उनके ऊपर हिंसा भड़काने का आरोप है न कि दंगे में मारे गए दो लोगो की हत्या का।

बुलंदशहर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, 'योगेश ने पंचायत चुनावों के लिए वार्ड नंबर 5 से चुनाव लड़ा था। यहां से पांच और उम्मीदवार मैदान में थे। सबको हराकर योगेश ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत लिया है।' अधिकारी ने कहा कि पिछले महीने हुए पंचायत चुनावों की मतगणना समाप्त हो गई है, लेकिन विजेताओं को प्रमाण पत्र का वितरण होना बाकी है।

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