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राष्ट्रीय

सीएम अरविंद केजरीवाल की सियासी चाल, पहुंचे गुरुद्वारा रकाबगंज, कहा - किसानों का संघर्ष लाया रंग

Janjwar Desk
19 Nov 2021 7:16 AM GMT
सीएम अरविंद केजरीवाल की सियासी चाल, पहुंचे गुरुद्वारा रकाबगंज, कहा - किसानों का संघर्ष लाया रंग
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल। 

कृषि कानूनों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर यही निर्णय पहले ले लिए गए होते तो किसानों की जान बच सकती थी।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अगर ये फैसला पहले ले लेती तो शहीद किसानों की जान बचाई जा सकती थी। इस फैसले के तत्काल बाद सीएम अरविंद केजरीवाल गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे और मोदी सरकार पर हमला बोल दिया। उनके इस रुख को पंजाब चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलनकारी किसानों को जीत की बधाई भी दी।



गुरु नानक देव के बताए राह पर चलने का लिया फैसला

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के मौके पर दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे और मत्था टेका। सीएम केजरीवाल ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी महाराज की पूजा सभी लोग करते हैं। सभी लोग उनको अपना गुरु मानते हैं। सभी धर्म और जातियों के लोग उन्हें अपना गुरु मानते हैं। उन्होंने इंसानियत के लिए काम किया। इसलिए हम सबका फर्ज है कि उनके बताए हुए रास्ते पर चलें। हम भी कोशिश करते हैं कि अपनी सरकार उन्हीं के संदेश पर चलाएं।

केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों का आंदोलन एक साल से चल रहा था। इस आंदोलन में अभी तक 700 किसान शहीद हो चुके हैं। आज किसानों को बड़ी सफलता मिली है। मैं किसानों को बधाई देना चाहता हूं। किसानों का संघर्ष रंग लाया। मेरा मानना है कि अगर ये फैसला केंद्र सरकार पहले करती तो कई किसानों की जान बच जाती। 700 किसानों को शहीद होने से बचाया जा सकता था।

हार के डर से काले कानून लिए वापस

वहीं आप नेता और राज्यसभा सांसद सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये मोदी के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत ढेरों बधाई। भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ। सैंकड़ों किसानों की शहादत हुई। अन्नदाताओं को आतंकवादी कहकर अपमानित किया गया। इस पर मौन क्यों रहे मोदी जी? देश समझ रहा है चुनाव में हार के डर से तीनों काला क़ानून वापस हुआ।

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