पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी पर अंतरराष्ट्रीय संस्था ने जतायी चिंता, किसान मोर्चा का दावा - 100 किसान भी हैं लापता
Journalist Mandeep Punia.
जनज्वार। सिंघु बाॅर्डर पर लगातार किसान आंदोलन को कवर कर रहे दो पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। इसके बाद इनको रिहा करने के लिए पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है। पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र को हिरासत में लिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर पत्रकार इसका तीखा विरोध कर रहे हैं और उनको रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि दो पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र को सिंघु बाॅर्डर से पुलिस ने डिटेन किया है। किसी को जानकारी नहीं हैं दोनों पत्रकार कहां हैं। परिवार और मित्र परेशान हैं।
दो पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र को सिंघु बॉर्डर से पुलिस ने डिटेन किया है. किसी को जानकारी नहीं है कि दोनों पत्रकार कहां हैं. परिवार और मित्र परेशान हैं. @CPDelhi @DelhiPolice
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) January 30, 2021
मनदीप पुनिया को पुलिस द्वारा उठाये जाने के बाद इस संबंध में शनिवार की रात अलीपुर पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत एक एफआइआर दर्ज करायी गयी है।
Updates:
— Rahul Kotiyal (@kotiyalrahul) January 30, 2021
An FIR (Number - 52/21) has been filed against Mandeep u/s 186, 332, 353 IPC, in PS- Alipur. But Police is denying to comment on his whereabout. Mandeep is not in Alipur Police Station.
1/n#ReleaseMandeepPunia
पत्रकार रवीश रंजन शुक्ल व कई अन्य पत्रकारों ने इसे नए खेल की शुरुआत बताया है और दोनों पत्रकारों को तुरंत रिहा करने की मांग की है।
ये नए खेल की शुरुआत है। मनदीप पूनिया और धर्मेंद्र को तुरंत रिहा किया जाए। #MandeepPunia https://t.co/I9juYwfszJ
— Ravish Ranjan Shukla (@ravishranjanshu) January 31, 2021
A journalist covering #farmersprotest in the national capital 👇 #MandeepPunia pic.twitter.com/zDfSPtYIun
— vijaita singh (@vijaita) January 30, 2021
पत्रकारोें के हितों की रक्षा करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह को हिरासत में लिए जाने पर चिंता जतायी है। सीपीआइ ने मांग की है कि दोनों पत्रकारों को अविलंब रिहा किया जाए और प्राधिकारियों को पत्रकारों को बिना हस्तक्षेप के उनका काम करने देना चाहिए।
CPJ is concerned by reports that journalists Mandeep Punia & Dharmender Singh have been detained while reporting on the #farmersprotests in Delhi. They should be released immediately & Indian authorities should allow journalists to do their work without interference@DelhiPolice https://t.co/gxaJDG2q3G
— CPJ Asia (@CPJAsia) January 30, 2021
पत्रकार व फिल्मकार विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए सवाल उठाया है कि क्या मनदीप को इसलिए गिरफ्तार किया है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस को बेनकाब किया था और खुलासा किया था कि किसानों पर हमले में बीजेपी के लोगों का हाथ हैं। पत्रकार दिलीप मंडल ने भी दोनों पत्रकारों को रिहा करने की मांग की है।
THREAD. BIG EXPOSE : क्या दिल्ली पुलिस को बेनक़ाब करने के लिए #MandeepPunia को गिरफ़्तार किया गया ?? मनदीप ने खुलासा किया था कि कल किसानों पर हमले के पीछे BJP के लोग थे। मनदीप की पूरी रिपोर्ट देखिए। Video part 1 https://t.co/8wfrMatFmD pic.twitter.com/W6t2z6I0Yq
— Vinod Kapri (@vinodkapri) January 30, 2021
BIG EXPOSE रिपोर्ट के इस दूसरे हिस्से में #MandeepPunia ने दंगाइयों के BJP नेताओं से रिश्ते के अलावा तलवार मारने वाली घटना का भी पूरा सच बेनक़ाब किया। Video part 2 pic.twitter.com/mKwTu4Q9DZ
— Vinod Kapri (@vinodkapri) January 30, 2021
ट्रैक्टर मार्च के के बाद से लापता है 100 किसान
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के बाद से 100 किसान गायब हैं। रविवार की सुबह आंदोलनरत किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि गणतंत्र दिवस के ट्रैक्टर परेड के बाद 100 किसान लापता हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सवाल पूछा है कि क्या यह जानबूझ कर किया जा रहा है।
After the Republic Day 'TRACTOR RALLY', Over 100 Farmers Are
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) January 31, 2021
'Missing'
Is this something happening deliberately?#ModiWhereAreMissingFarmers
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर मार्च निकाला था जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। हालांकि कुछ तत्वों की वजह व पुलिसिया कार्रवाई से यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
किसान मोर्चा ने किसानों को परेशान करने के लिए और उनके आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस व भाजपा कार्यकर्ताओं में साठगांठ का आरोप लगाया है और इसको लेकर एक वीडियो शेयर किया है।