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राष्ट्रीय

Election 2024 : क्या मायावती को INDIA से बाहर रख राहुल मोदी को दे पाएंगे शिकस्त

Janjwar Desk
21 July 2023 8:13 AM GMT
Election 2024 : क्या मायावती को INDIA से बाहर रख राहुल मोदी को दे पाएंगे शिकस्त
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Election 2022 : खुश होने वाले भक्त यह अनुमान नहीं लगा पाए कि मायावती जी ने अकारण सपा से दोस्ती तोड़कर अपनी विश्वसनीयता सदा के लिए खत्म कर ली है: वह भाजपा के लिए काम करती हैं, लोगों के इस संदेह को उन्होंने पूरा यकीन में बदल दिया है....

दलित चिंतक एचएल दुषाध की टिप्पणी

Election 2024 : इंडिया द्वारा मायावती जी की अनदेखी से उनके कुछेक भक्त आहत दिखाई पड़ रहे हैं और दुखी होकर तरह 2 से अपनी निराशा का इजहार कर रहे हैं। शायद इन्हें याद नहीं कि 2014 में शून्य पर पहुंची बसपा को सपा के सौजन्य से 2019 में दस गुनी सफलता मिल गई अर्थात बसपा के 10 लोग संसद में पहुंच गए। 2019 में अखिलेश सीट चयन में उन्हें फ्री हैंड दे दिए थे, जिससे बसपा को अनुकूल सीटों पर लड़ने का मौका मिला और 0 की जगह उसकी दस सीटें हो गईं! घाटे में रहे अखिलेश जिनके सिर्फ 5 लोग संसद में पहुंचे।

किंतु इस नुकसान के बाद अखिलेश कोई गिला शिकवा न कर गठबंधन धर्म निभाते रहे। उधर नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल को ही घोषणा कर दिया था कि 23 मई को सपा बसपा गठबंधन टूट जायेगा: लेकिन टूटा एक महीने बाद यानी 23 जून ,2019को! 23 को जून को निम्न ट्वीट करके मायावती जी ने गठबंधन तोड़कर पूरे देश के बहुजनों का दिल तोड़ दिया था। उनके उस आचरण से समस्त बहुजनों को बहुत आघात लगा था, सिवाय उनके कुछ अंधभक्तों के! खुश होने वाले भक्त यह अनुमान नहीं लगा पाए कि मायावती जी ने अकारण सपा से दोस्ती तोड़कर अपनी विश्वसनीयता सदा के लिए खत्म कर ली है: वह भाजपा के लिए काम करती हैं, लोगों के इस संदेह को उन्होंने पूरा यकीन में बदल दिया है! भक्त एक बार फिर जरा 23 जून,2019 ट्वीट देख लें!

23 जून,2019 को मायावती जी ने यह ट्वीट कर हमेशा के लिए एकला चलने की घोषणा किया था, "बसपा ने प्रदेश में सपा सरकार के दौरान हुए दलित विरोधी फ़ैसलों को दरकिनार कर देशहित में पूरी तरह गठबंधन धर्म निभाया. चुनावों के बाद सपा का व्यवहार सोचने के लिए मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. अतः पार्टी के हित में बसपा आगे होने वाले सभी छोड़े-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी."

यही कारण वह 2024 में अकेले अपने बूते लड़ने के लिए अभिशप्त हैं और यदि अकेले लड़ीं तो 2014 की भांति फिर बसपा बड़ा सा अंडा देगी, इसमें भक्तों को छोड़कर शायद किसी और को कोई संदेह नहीं है!

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