Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Gujrat News : सड़क किनारे नॉनवेज बिक्री पर प्रतिबंध की तैयारी, प्रशासन का तर्क- आहत होतीं हैं हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं

Janjwar Desk
13 Nov 2021 7:00 AM IST
Gujrat News : सड़क किनारे नॉनवेज बिक्री पर प्रतिबंध की तैयारी, प्रशासन का तर्क- आहत होतीं हैं हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं
x

(गुजरात के वडोदरा और राजकोट में सड़क किनारे नॉनवेज की बिक्री पर प्रतिबंध की तैयारी है) File Pic.

Gujrat News : भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित वडोदरा और राजकोट नगर निगमों ने दुकानदारों और फेरीवालों को अंडे सहित मांसाहारी भोजन को हटाने के लिए कहा है।

Gujrat News : भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित वडोदरा और राजकोट नगर निगमों ने दुकानदारों और फेरीवालों को अंडे सहित मांसाहारी भोजन को हटाने के लिए कहा है। वडोदरा में ये निर्देश कथित तौर पर हितेंद्र पटेल द्वारा मौखिक रूप से दिए गए हैं, जो वडोदरा नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वडोदरा (Vadodara) में खुले में नॉनवेज बेचने वालों पर लगाम कसने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि नॉनवेज खुले में स्टॉल (non-veg stall) पर ना बिके और जो लोग इसे बेच रहे हैं, वह मांसाहारी भोजन को पूरी तरह से कवर करके रखें।

निगम के अधिकारियों का तर्क है कि मांसाहारी भोजन दिखने से हिंदू लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष से लेकर मानवाधिकार संगठन इस फैसले के खिलाफ आगे आए हैं।

गुजरात की वडोदरा और राजकोट नगर निगमों ने जारी आदेश में कहा है कि सार्वजनिक सड़कों पर लटका हुआ मांसाहारी भोजन हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। उससे निकलने वाला धुआं स्वास्थ्य के लिए खतराक है और साथ ही ये स्टाल ट्रैफिक जाम पैदा करते हैं। इसलिए इन्हें मुख्य मार्ग से हटना चाहिए।

राजकोट के मेयर प्रदीप दाव के निर्देश पारित करने और एक अभियान शुरू करने के 48 घंटे बाद वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने भी नागरिक निकाय को मौखिक निर्देश जारी किए कि अगर वे अपने सामान को ठीक से ढककर न रख रहे हैं, तो सड़क किनारे के सभी नॉन-वेज स्टालों को 15 दिनों के भीतर हटा दें।

वहीं, मीडिया से बातचीत में हितेंद्र पटेल ने कहा, "मांस, मछली, अंडे का सार्वजनिक प्रदर्शन धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। यह दिखाई नहीं देना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रथा भले ही दशकों तक जारी रही हो, लेकिन अब इसे रोकने का समय आ गया है।

वीएमसी का निर्देश 9 नवंबर को राजकोट के मेयर प्रदीप दाव के इसी तरह के निर्देश से प्रेरित था, जिसमें नॉन-वेज फूड की बिक्री को हॉकिंग जोन में प्रतिबंधित करने के लिए किया गया था।

प्रदीप दाव ने कहा, सड़क से गुजरने पर मांसाहारी भोजन लटका हुआ देखकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है।आरएमसी स्टाफ ने पहले ही फुलछाब चौक, लिंबडा चौक और शास्त्री मैदान में नॉन-वेज फूड स्टॉल और कियोस्क हटा दिए हैं।

इस बारे में पूछे जाने पर दाव ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ''हम सिर्फ मुख्य सड़कों से अतिक्रमण हटा रहे हैं। वे उपद्रव करते हैं, ट्रैफिक जाम करते हैं और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।"

वहीं, विपक्ष ने इस आदेश का विरोध किया है। वीएमसी में विपक्ष के नेता अमित रावत ने कहा, "कोई भी राजनीतिक दल या सरकार यह तय नहीं कर सकती कि किसे क्या और कहां खाना चाहिए। इसके अलावा, फेरीवालों को आजीविका के अधिकार के साथ-साथ अन्य पते के मुद्दों को सुनिश्चित करने के लिए 2013 में एक स्ट्रीट वेंडर अधिनियम पारित किया गया था। लेकिन वे इसे लागू नहीं करना चाहते। अब वे उन विक्रेताओं को हटाना चाहते हैं, जो पिछले लगभग दो वर्षों से पीड़ित हैं।"

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध