Begin typing your search above and press return to search.
अंधविश्वास

Gujrat Unique Wedding : भाई की शादी में बहन दूल्हा बन दुल्हन के घर ले जाती है बारात, भाभी संग फेरे भी बहन ही लेती है; जानिए इस अनोखी शादी के बारे में

Janjwar Desk
28 April 2022 10:00 AM GMT
Gujrat Unique Wedding : भाई की शादी में बहन दूल्हा बन दुल्हन के घर ले जाती है बारात, भाभी संग फेरे भी बहन ही लेती है; जानिए इस अनोखी शादी के बारे में
x

Gujrat Unique Wedding : भाई की शादी में बहन दूल्हा बन दुल्हन के घर ले जाती है बारात, भाभी संग फेरे भी बहन ही लेती है; जानिए इस अनोखी शादी के बारे में

Gujrat Unique Wedding :

Gujrat Unique Wedding : देश में शादियों को लेकर कई रीति-रिवाज के बारे में आपने सुना होगा पर अब जिस कहानी के बारे में हम बताने जा रहे हैं वह अपने आप में अनोखा है। कहानी है गुजरात (Gujrat) के सूरत (Surat) के पास छोटे जिले उदेपुर (Udepur) का। यहां एक ऐसा विवाह हुआ है जो सारी रीति-रिवाज और परंपराओं से अलग था। यहां भाई की शादी में एक बहन ने अपने भाई की होने वाली पत्नी यानी दुल्हन के घर बारात लेकर गयी। बहन ने ही अपनी होने वाली भाभी के सात फेरे लिए और परिवार और दूल्हे की मर्जी के अनुसार रस्मों को निभाकर भाभी को दुल्हन बनाकर घर ले आई।

तीन गांवों में मान्यता है कि देवता के कोप से बचना है तो ऐसा करना जरूरी

लोगों की मान्यताओं के अनुसार छोटा उदेपुर जिले के तीन गांव अंबाला (Ambala), सूरखेडा (Surkheda) और सनाडा (Sanada) गांव में देवता के कोप से बचने के लिए इस तरह का रिवाज आज भी प्रचलन में है। यहां के आदिवासी देव भरमादेव को अपना आराध्य देव मानते हैं। आदिवासियों के बीच ऐसी मान्यता है कि भरमादेव कुंवारे देव हैं। इसलिए इन तीन गांव का कोई लड़का बारात लेकर नहीं जा सकता है, अगर वह ऐसा करता है तो उसे देवता का कोपभाजक बनना पड़ता है।

ननद भाभी को दुल्हन बनाकर लाती है और भाई को सौंप देती है

गांव के दूल्हों को देवता के कोप से बचाने के लिए वही किया जाता है जिसकी चर्चा हमने उपर की है। गांव के लोग अपनी बेटियों को बारात लेकर दुल्हन के घर भेजते हैं। यह बहने सिर्फ बारात ही लेकर नहीं ले जातीं, बल्कि दुल्हन संग मंडप में मंगल फेरे भी दूल्हा बनकर बहन ही लेती है। इसके बाद रस्मों को निभाते हुए यह जोड़ा दूल्हे के घर लौटता है। फिर भाई अपनी दुल्हन के साथ घर बसाता है। हाल ही में अंबाला गांव के हरिसिंग रायसिंग राठवा के बेटे नरेश का विवाह फेरकुवा गांव के वजलिया हिंमता राठवा की बेटी लीला से इसी प्रथा के अनुसार हुआ। अंबाला से बारात दूल्हे नरेश की बहन लेकर आई थी और अपनी भाभी को दुल्हन बनकार ले गई।

गांव वाले बोले- परंपरा बदलने की कोशिश की तो तीन दूल्हों को गंवानी पड़ी जान

इस परंपरा के बारे में बताते हुए गांव के लोग कहतें है कि यह रस्म सालों से चली आ रही है। उन्होंने कुछ समय पहले इस परंपरा को बदलने की कोशिश की यी थी। लेकिन इस दौरान शादी करने वाले तीन दूल्हों की किसी ना किसी कारण से मौत हो गई। जिसके बाद से तीनों गांव में आदिवासी समुदाय के लोग अब इस कोप से बचने के लिए दूल्हे की बहन को ही दूल्हा बनाकर बरात लेकर दुल्हन के घर भेजते हैं।

Next Story

विविध