Haryana Crime News : हरियाणा पुलिस ने 9 साल पुराने भगोड़े का अपहरण कर ठगे 9 करोड़ के बिटकॉइन, सिरसा में FIR के बाद ASI को किया गया सस्पेंड
हरियाणा पुलिस ने 9 साल पुराने भगोड़े का अपहरण कर ठगे 9 करोड़ के बिटकॉइन
Haryana Crime News : हरियाणा के सोनीपत में बिटकॉइन ट्रांसफर कराने के आरोप में सिरसा पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। करीब 9 करोड रुपए के बिटकॉइन ट्रांसफर कराने के मामले में आगे की कार्यवाही राजस्थान की जयपुर पुलिस करेगी। बता दें कि 2 पुलिसकर्मियों की पहचान एएसआई शिवकुमार और मोनू के तौर पर हुई है। इनमें एएसआई (ASI) शिवकुमार को सोनीपत एसपी ने सस्पेंड कर दिया है।
यह है पूरा मामला
सिरसा के बरनाला रोड स्थित भगत सिंह कॉलोनी के निवासी विजय शर्मा ने 11 सितंबर 2013 को शशिकांत और 5 लोगों के विरुद्ध करेंसी ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करने का केस दर्ज कराया था। उस वक्त शिखायत में बताया गया था कि अन्य आरोपियों ने विजय शर्मा की मुलाकात शशिकांत व उसके पिता से करवाई थी। जिसके बाद उन्होंने फौरन एक्सचेंज में अधिक मुनाफा बताया और 17 जनवरी 2013 को 5 लाख रुपए उनके खाते में जमा कराया था। जिसके बाद 18 जनवरी को 65000 रुपए की राशि जमा करवाई। फरवरी महीने के आखिरी तक उन्होंने 8 लाख 65 हजार रुपए जमा करा दिए। जून महीने में शिकायतकर्ता ने आरोपियों से संपर्क किया और मुनाफे के बारे में जानकारी ली लेकिन उन्होंने सही जानकारी नहीं दी थी।
धोखाधड़ी का मामला कराया दर्ज
वहीं इस मामले को लेकर शशिकांत शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था लेकिन जब पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई तो कोर्ट ने उसे भगोड़ा साबित कर दिया था। अब वह एकाएक सिरसा पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। दरअसल उसे सिरसा पहुंचाने में सोनीपत पुलिस के दो कर्मियों का हाथ था। सिरसा पुलिस को तो अपना भगोड़ा मिल गया लेकिन पूरा मामला आप सोनीपत पुलिस के गले की फांस बन गया है।
सोनीपत पुलिस पर लगाया आरोप
सिरसा पुलिस ने जब शशिकांत से पूछताछ की तो उसने सोनीपत पुलिस का जिक्र किया था। शशिकांत ने सोनीपत पुलिस पर अपहरण और जबरन 9 करोड़ रुपए की कीमत के बिटकॉइन हड़पने का आरोप लगाया है। शशिकांत ने पुलिस को बताया कि उसे जयपुर से सोनीपत पुलिस उठा कर लाई है। दो पुलिसकर्मी एएसआई शिवकुमार और मोनू को वह पहले से ही जानता है।
सोनीपत पुलिस ने किया अपहरण
पुलिस में दर्ज जीरो एफआईआर में शशिकांत ने बताया है कि 22 जनवरी को वह जयपुर की ओबीसी कॉलोनी में था। वहां सोनीपत पुलिस दो गाड़ियों में आई और छापेमारी कर उसे और उसके दोस्त गौरव को उठा ले गई। आगे शशिकांत ने बताया है कि पुलिस उसे सोनीपत ले गई और एक फार्महाउस में दोनों को बंधक बना लिया। कई दिनों तक उनकी पिटाई की गई। दोनों को पुलिस थाने भी लेकर गए लेकिन वहां स्टाफ ने रखने से मना कर दिया। इसके बाद उसे बंधक बना लिया गया।
रिहा करने के बदले मांगा गया बिटकॉइन
इस दौरान पुलिसकर्मियों को पता चला कि शशिकांत बिटकॉइन का काम करता है। जिसके बाद एएसआई शिवकुमार और मोनू ने उसे छोड़ने के लिए बिटकॉइन खाते में ट्रांसफर करने का दबाव डाला। जिसके लिए शशिकांत और उसके दोस्त गौरव को पुलिस ने खूब टॉर्चर किया। अंत में उसने अपनी पत्नी को फोन करके पुलिस के बताए खाते में 30 बिटकॉइन ट्रांसफर करने को कहा और पत्नी ने बिटकॉइन ट्रांसफर कर दिए। बता दें कि इन बिटकॉइन की कीमत वर्तमान में करीब 9 करोड़ रुपए है। बिटकॉइन मिलने के बाद दोनों पुलिसकर्मी उसे अन्य साथियों के साथ गाड़ी में डालकर सिरसा छोड़ गए।
सिरसा पुलिस ने किया गिरफ्तार
वहीं इस दौरान सिरसा पुलिस को भी पता चल गया कि 2013 के धोखाधड़ी के मामले में फरार शशिकांत सिरसा में घूम रहा है। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के बाद एलआईसी ऑफिस के पास से शशिकांत और उसके दोस्त गौरव को दबोच लिया और गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद गौरव को रिहा कर दिया क्योंकि उसके खिलाफ कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं था। पुलिस ने जब शशीकांत से पूछताछ की तो इस दौरान सोनीपत पुलिस कटघरे में आ गई।
जयपुर पुलिस को सौंपा गया केस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिटी पुलिस थाना सिरसा के प्रभारी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का कहना है कि 'एएसआईसी कुमार और मोनू के साथ-साथ अन्य पुलिसकर्मी के खिलाफ अपहरण और 9 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की है। साथ ही इसे आगे की कार्रवाई के लिए जयपुर पुलिस को सौंपा गया है।' बता दें कि शशिकांत का अपहरण जयपुर से ही किया गया था। भगोड़े शशिकांत को कोर्ट में पेश कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। साथ ही इस मामले की सूचना सोनीपत एसपी कार्यालय को भी दे दी गई है।