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हिमाचल में न मिजाज बदला न रिवाज, सरकार बनाने की राह पर कांग्रेस
हिमाचल में न मिजाज बदला न रिवाज, सरकार बनाने की राह पर कांग्रेस
Himachal Election Result 2022 : हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 68 सीटों पर सुबह आठ बजे के बाद से दस बजे तक काउंटिंग ( Vote Counting ) के रुझान बड़े रोमांचकारी आ रहे थे। कभी भाजपा आगे तो कभी कांग्रेस, बीच-बीच में टाई के नजारे भी सामने आते रहे। लेकिन 11 बजे के बाद से तस्वीर साफ होने लगी। ताजा रुझान यह है कि हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) में कांग्रेस ( Congress ) की सरकार बनने का रास्ता लगभग तय हो गया है। यानि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 ( Himachal Pradesh Assembly Election 2022 ) में भी न तो वहां के लोगों का मिजाज बदला न ही रिवाज। कहने का मतलब यह है कि 1985 के बाद से जो परंपरा चली आ रही है, उसे वहां के मतदाताओं ने इस बार भी बरकरार रखने का फैसला लिया है।
ताजा रुझानों से साफ है कि कांग्रेस हिमाचल में सरकार बनाने जा रही है। विधानसभा की 68 सीटों में से 38 पर कांग्रेस और 27 पर भारतीय जनता पार्टी आगे है। तीन सीटों पर भाजपा के बागी आगे हैं। अगर इन तीन सीटों को भी भाजपा के कोटे का मान भी लें तो भी भाजपा वहां पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।
हालांकि, 11 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी के बीच 400 वोटों से भी कम का अंतर है। ऐसे में क्लाइमैक्स बदल सकता है, लेकिन उसकी उम्मीद भी कम हैं, क्योंकि इन सीटों अब बहुत कम मतों की गिनती बाकी है।
नालागढ़ से भाजपा ( BJP ) के बागी के एल ठाकुर आगे चल रहे हैं। देहरा से बीजेपी के बागी होशियार सिंह आगे चल रहे हैं। हमीरपुर से कांग्रेस के बागी आशीष कुमार आगे चल रहे हैं। बंजर से निर्दलीय हितेश्वर सिंह आगे चल रहे हैं। हितेश्वर सिंह ने भी बीजेपी से टिकट मांगा था लेकिन टिकट न मिलने पर वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इस बीच खबर यह है कि भाजपा ने निर्दलीयों से निर्दलियों से संपर्क साधने की कोशिश की है। बता दें कि हिमाचल में एक चरण में 12 नवंबर को चुनाव हुआ था। कुल 74.05 फीसदी लोगों ने वोटिंग की थी।
Himachal Election Result 2022 : इस बीच हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ( Congress ) की सफलता को लेकर चर्चा यह भी है कि वहां पर पार्टी ने अच्छा परफार्म कैसे किया। इस मसले में आपको बता दूं कि हिमाचल की स्थित दिल्ली और गुजरात से अलग है। गुजरात में कांग्रेस ने चुनाव लड़ने में रुचि नहीं दिखाई जिसका खामियाजा उसे भुगतन पड़ा। वहीं दिल्ली एमसीडी में आप को एंटी इंकम्बेंसी का लाभ मिला। कांग्रेस इसका लाभ नहीं उठा पाई, लेकिन हिमाचल प्रदेश में पार्टी के बेहरत प्रदर्शन के पीछे अहम कारक यह है कि कांग्रेस प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व में तालमेल अच्छा रहा। प्रियंका गांधी हिमाचल में पूरी तरह से सक्रिय रहीं। हिमाचल कांग्रेस के नेताओं कुछ माह पूर्व उप चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया और विधानसभा चुनाव में उसी को दोहराने का काम किया है।