Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

देश में चीन के खिलाफ जबर्दस्त उबाल, मगर यहां रहने वाले हजारों चीनी नागरिक बेफिक्र और सहज

Janjwar Desk
28 Jun 2020 5:00 AM GMT
देश में चीन के खिलाफ जबर्दस्त उबाल, मगर यहां रहने वाले हजारों चीनी नागरिक बेफिक्र और सहज
x
file photo
ऐसे चीनी प्रवासी, जो घर नहीं लौटे और भारत में रह रहे हैं, उन्होंने संकेत दिया है कि उन्हें यहां किसी भी समस्या का नहीं करना पड़ रहा है सामना और वे अपने देश लौटने के मूड में नहीं हैं...

ऐसे चीनी प्रवासी, जो घर नहीं लौटे और भारत में रह रहे हैं, उन्होंने संकेत दिया है कि उन्हें यहां किसी भी समस्या का नहीं करना पड़ रहा है सामना और वे अपने देश लौटने के मूड में नहीं हैं...भारत में रह रहे चीनी प्रवासियों पर दोनों देशों के बीच बिगड़ते द्विपक्षीय संबंधों का कोई असर नहीं पड़ा है। उद्योग के सूत्रों का कहना कि उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की सैन्य आक्रामकता के बाद दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बाद भारत छोड़ने की कोई इच्छा नहीं जताई है।

अनुमान के मुताबिक, भारत में लगभग 20,000 चीनी एक्सपैट (नौकरी या कारोबार के सिलसिले में भारत में रहने वाले प्रवासी) हैं। हालांकि इनमें से कई जनवरी में नए साल के दौरान चीन लौट गए थे और कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण वे भारत नहीं लौट सके। भारत ने फरवरी में बीमारी के प्रसार से बचने के लिए विभिन्न देशों के बीच संचालित होने वाली उड़ानों को स्थगित कर दिया था।

ऐसे चीनी प्रवासी, जो घर नहीं लौटे और भारत में रह रहे हैं, उन्होंने संकेत दिया है कि उन्हें यहां किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है और वे अपने देश लौटने के मूड में नहीं हैं।

एक विश्लेषक ने कहा, "रहने की स्थिति, व्यक्तिगत और राजनीतिक स्वतंत्रता भारत में बुनियादी स्तंभ हैं और इसे प्रवासी व अन्य चीनी अच्छे से समझते हैं।"

बताया जा रहा है कि भारत में विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले चीनी फिर से अपना काम जारी रखने के इच्छुक हैं।

एशियन कम्युनिटी न्यूज (एसीएन) के संपादक संजीव के. आहूजा ने कहा, "कई चीनी जो छुट्टी के लिए घर गए थे, वे महीनों से वहां फंसे हुए हैं। वे जल्द से जल्द भारत लौटने और काम फिर से शुरू करने के इच्छुक हैं।"

आहूजा भारत में दक्षिण-पूर्व एशियाई समुदाय पर खास नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि देश के भीतर हालिया संघर्ष और बढ़ती चीनी-विरोधी भावनाओं का उनके मनोबल पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है।

सीमा संघर्ष के बाद भारत में चीन विरोधी भावनाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और विभिन्न अभियानों के माध्यम से आम नागरिकों को चीनी सामान का बहिष्कार करने का आह्वान किया जा रहा है। दिल्ली होटल एंड रेस्तरां ओनर्स एसोसिएशन (डीएचआरओए) ने गुरुवार को घोषणा की थी कि चीनी नागरिकों को बजट होटल या गेस्ट हाउस में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्य भूमि चीन और हांगकांग के साथ भारत के व्यापार में 2019-20 में सात प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है, जो कि पिछले सात वर्षों में सबसे तेज गिरावट है। दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के मध्य तक, कोरोनावायरस के फैलने के कारण चीन की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। वर्ष 2018-19 में पिछले वित्त वर्ष में 22 प्रतिशत की भारी वृद्धि के बाद दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच व्यापार केवल 3.2 प्रतिशत बढ़ा।

दिलचस्प बात यह है कि ऐसी रिपोर्टें मिली हैं कि चीन में रहने वाले कई चीनी अन्य देशों में स्थानांतरित होने के इच्छुक हैं, क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लहर से अनिश्चित स्थिति बनी हुई है।

Next Story

विविध