International Malala Day 2022 : 12 जुलाई को मलाला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? जानें उनके बारे में सबकुछ
International Malala Day 2022 : 12 जुलाई को मलाला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? जानें उनके बारे में सबकुछ
International Malala Day 2022 : महिला शिक्षा ( Women education) के लिए काम करने वाली और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ( Malala Yousafzai ) को सलाम करने के लिए 12 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय मलाला दिवस के रूप में मनाया जाता है। अहम बात यह है कि केवल 24 साल की इस लड़की ने क्या कर दिया कि उसके सम्मान में अंतरराष्ट्रीय मलाला दिवस मनाया जाता है। आज हम आपको बताते हैं कि क्या है इस दिन की खासियत और 12 जुलाई को मलाला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है।
दरअसल, 24 वर्षीय मलाला ( Malala Yousafzai ) वर्तमान में विश्व स्तर पर महिला शिक्षा के अधिकार के लिए काम करती हैं। एक समय था जब उन्हें एक युवा लड़की के रूप में स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। इसका विरोध करने की वजह से ही आतंकवादियों ने 2012 में उन पर जानलेवा हमला किया था लेकिन वो बच गईं और आज भी दुनियाभर में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संघर्षरत हैं। अब यूएन की ओर से इस दिन का उपयोग विश्व के नेताओं से दुनिया भर में प्रत्येक बच्चे के लिए अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपील करने के अवसर के रूप में किया जाता है।
मलाला को नहीं थी स्कूल जाने की इजाजत
पाकिस्तान के स्वात घाटी में जन्मी मलाला ( Malala Yousafzai ) को कभी भी स्कूल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। ऐसा इसलिए कि तालिबान ने पाकिस्तान में लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। तालिबान के इस फरमान के खिलाफ उसने घर पर रहने से इनकार कर दिया। मलाला ने लड़कियों के लिए शिक्षा के अधिकार की वकालत की। साल 2012 में तालिबानी आतंकवादी ने लगभग उन्हें मार भी दिया था। तालीबानी आतंकियों ने मलाला द्वारा लड़कियों की शिक्षा के लिए चलाए गए अभियान से नाराज होकर 2012 में मलाला के सिर में गोली मार दी थी।
अपनी एक पुरानी पोस्ट में मलाला ( Malala Yousafzai ) ने घटना के बाद के बारे में बताया था कि अक्टूबर 2012 में पाकिस्तानी तालिबान का एक सदस्य मेरी स्कूल बस में चढ़ा और मेरे सिर में गोली मार दी। गोली ने मेरी बाईं आंख, खोपड़ी और मस्तिष्क को चपेट में ले लिया। मेरे चेहरे की नस को चीर दिया, मेरे कान का परदा चकनाचूर कर दिया और मेरे जबड़े के जोड़ों को तोड़ दिया।
इस घटना के बाद मलाला और उनके पिता ने मलाला फंड की सह-स्थापना की है जो लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करने और इस मामले पर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच है। उन्होंने पहल के लिए वाइटल वॉयस ग्लोबल पार्टनरशिप के साथ सहयोग किया।
सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता
दिसंबर 2014 में मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया और वह इस तरह के प्राचीन सम्मान की सबसे कम उम्र की प्राप्तकर्ता बन गईं। लड़कियों की शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के लिए उन्हें 2017 में संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में नामित किया गया था। युवा कार्यकर्ता को उनके साहस के लिए 40 से अधिक पुरस्कार और सम्मान मिले हैं।
2021 में की असर मलिक से शादी
मलाला ( Malala Yousafzai ) ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में अध्ययन किया। उनकी औपचारिक शिक्षा 2020 में पूरी हुई। उन्होंने 2021 में पाकिस्तान के क्रिकेट गवर्निंग बॉडी के मैनेजर असर मलिक से शादी की। मलाला ने जिस काम को शुरू किया था उस पर काम करना जारी रखा है क्योंकि आज भी दुनिया भर में 130 मिलियन से अधिक लड़कियों को स्कूल से बाहर रखा जाता है। वह एक ऐसी दुनिया बनाने की इच्छा रखती है जहां सभी लड़कियां सीख सकें, आगे बढ़ सकें और दुनिया को बेहतर नेतत्व दे सकें।