Dobo land dispute Jharkhand : बलराम महतो के खिलाफ FIR, इससे पहले उसके गर्दन तक सीओ चांडिल के पहुंचे थे हाथ
Dobo land dispute Jharkhand : बलराम महतो के खिलाफ FIR, इससे पहले उसके गर्दन तक सीओ चांडिल के पहुंचे थे हाथ
Dobo land dispute Jharkhand : सत्ता से संरक्षण प्राप्त नौकरशाहों के हाथ कैसे निर्दोष लोगों के गिरेवान तक पहुंच जाते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण झारखंड ( Jharkhand ) के चांडिल ( Chandil News ) से सामने आया है। दरअसल, चांडिल थाना क्षेत्र के डोबो जमीन विवाद ( Dobo Land Dispute Jharkhand ) मामले में अब नया मोड़ आ गया है। विधायक सविता महतो ( MLA Savita Mahto ) को जमीन पर कब्जा दिलाने गए अधिकारियों के सामने जमीन पर अपना हक जताने वालों के बीच हुए विवाद के दौरान जिस बलराम महतो ( Balram Mahto ) का गला दबाते हुए अंचल अधिकारी का वीडियो वायरल हुआ था, उसी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज ( FIR News ) कर लिया गया है।
चांडिल थाना पुलिस ने अंचल अधिकारी स्वपन मिश्रा की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। एफआईआर ( FIR ) में बलराम महतो और मनोज नामक व्यक्ति को मुख्य आरोपी बनाया है। इसके अलावा 20-25 अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ जमीन सीमांकन के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी चांडिल के अंचल निरीक्षक स्वपन कुमार मिश्रा ने एफआईटार घटना के एक दिन बाद 20 जुलाई को ही दर्ज करा दिया था। सीमांकन के लिए चांडिल के अंचल ( CO Chandil ) अधिकारी प्रणव अम्बष्ट को वरीय दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था।
क्या है पूरा मामला
झारखंड ( Jharkhand ) के चांडिल ( Chandil ) के डोबो में विधायक सविता महतो ( MLA Savita Mahto ) और सर्वेश्वर सिंह सरदार के बीच लगभग 3 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर लंबे अरसे से विवाद है। विवादित जमीन पर दोनों पक्ष अपना हक जता रहे हैं। 19 जुलाई को चांडिल अनुमंडल प्रशासन ने दंडाधिकारी व पुलिस बल तैनात कर जमीन का सीमांकन कराया। सीमांकन के साथ ही भूखंड पर चाहरदीवारी निर्माण का कार्य भी शुरू किया गया। स्थानीय लोगों प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में जमीन गलत तरीके से कब्जाने का विरोध किया। लोगों का कहना है कि जमीन विवादित है और अदालत में मामला विचाराधीन है। लोगों ने जमीन पर अपना हक जताते हुए निर्माण और सीमांकन कार्य का विरोध किया।
इस बात को लेकर मौके पर मौजूद दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त अंचल अधिकारी प्रणव अम्बष्ट लोगों से नोकझोंक हो गया। सीओ प्रणव अम्बष्ट ने इस दौरान बलराम महतो का गिरेवान तक पकड़ लिया। सीओ के इस गैर कानूनी हरकत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद प्रशासन की ओर से बताया गया कि बलराम महतो नशे में धूत होकर अधिकारी व पुलिस बल के साथ दुर्व्यवहार कर रहा था। अधिकारी का मकसद उसका गला दबाना नहीं था।
रिकार्ड रूम से खतियान गायब करने का आरोप, जांच की मांग
डोबो के विवादित जमीन पर अपना हक जताने वालों ने बताया कि चाईबासा के रिकार्ड रूम से खतियान की प्रति गायब कर दिया गया है। वे लोग खतियात की प्रति लेने चाईबासा खतियान दफ्तर गए थे लेकिन रिकार्ड रूम में खतियान की छायाप्रति नहीं मिली। जमीन पर हक जताने वालों ने मामले पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
विवादित जमीन अदालत में विचाराधीन
डोबो के विवादित भूखंड पर रहने वालों का कहना है कि सरायकेला न्यायालय में जमीन का मामला विचाराधीन है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की ओर से जल्दबाजी में बलपूर्वक जमीन पर कब्जा करना कई सवाल खड़ा कर रहा है। अहम सवाल यह है कि अदालत में जो मामला विचाराधीन है, उसी जमीन पर प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में विधायक सविता महतो को कब्जा कैसे दिलाया जा रहा है।
मेरी मंशा गर्दन दबाने की नहीं : सीओ चांडिल
इस मामले में चांडिल के सीओ प्रणव अम्बष्ट का कहना है कि उनके ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। डोबो में भूखंड सीमांकन के एक व्यक्ति सीमांकन का विरोध कर रहा था। वह सरकारी कर्मचारियों से बार-बार उलझ रहा था। उसे हटाने के दौरान मेरा हाथ उसके गर्दन पर लग गया। गर्दन दबाने जैसी मेरी कोई मंशा नहीं थी।
कौन हैं विधायक सविता महतो
Dobo land dispute Jharkhand : दरअसल, सविता महतो ( Savita Mahto ) पूर्व डिप्टी सीएम स्व. सुधीर महतो की पत्नी हैं। सुधीर महतो झारखंड अलग राज्य के आंदोलन के दौरान जेएमएम प्रमुख नेता और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के संस्थापक निर्मल महतो के भाई थे। वो बिहार विधानसभा और झारखंड विधानसभा में ईचागढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे। सुधीर महतो 14 सितंबर 2006 से 23 अगस्त 2008 तक मधु कोड़ा सरकार में उप-मुख्यमंत्री रहे। 23 जनवरी 2014 को पूर्वी सिंहभूम जिले में हृदयाघात से 53 वर्ष की आयु में उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद पत्नी सविता महतो इचागढ़ क्षेत्र से चुनी गईं। विधायक सविता महतो ने दावा किया कि झारखंड के सरायकेला-खरसावा गांव डोबो में जमीन का एक प्लॉट उनकी संपत्ति है।