लालू प्रसाद यादव के पास मोबाइल फोन पहुंचने को लेकर जेल अधीक्षक व एसपी ने दी सफाई
जनज्वार। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा मोबाइल फोन के माध्यम से बिहार के पीरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान को प्रलोभन दिए जाने के मामले पर जेल प्रशासन ने अपना पक्ष रखा है। जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने कहा है कि सुरक्षा कर्मियों की चूक से लालू प्रसाद यादव तक मोबाइल फोन पहुंचा। लालू प्रसाद यादव ने बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के आरोपों के अनुसार, 24 नवंबर को ललन पासवान को फोन कर स्पीकर चुनाव में कोरोना का बहाना बनाकर गैर हाजिर रहने और एनडीए की सरकार गिराने व महागठबंधन की सरकार बनने पर मंत्री पद का लोभ दिया था। इस मामले को लेकर खूब हंगामा मचा।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव इन दिनों चारा घोटाला मामले में होटवार स्थित रांची केंद्रीय कारा के कैदी हैं। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से उन्हें रिम्स अस्पताल में रखा गया है। फोन किए जाने तक कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बरते गए एहतियात के तौर पर वे रिम्स के डायरेक्टर बंगले में रखे गए थे, लेकिन मामले के तूल पकड़ने के बाद फिर उन्हें फिर पेइंग वार्ड में भेज दिया गया है।
जेल अधीक्षक ने कहा है अपनी जांच में उन्होंने पाया कि सुरक्षा कर्मियों की चूक क वजह से लालू प्रसाद यादव के पास मोबाइल पहुंच गया। वहीं, रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव को सेवादार जेल प्रबंधन ने दिया है और सेवादार खुद के परिवार से बात करने का हवाला देकर अपने पास मोबाइल फोन रखता है। ऐसे में सुरक्षा कर्मी क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि हालांकि सुरक्षा कर्मियों पर आरोप लगा है तो उनकी भूमिका की जांच करायी जाएगी।
सुशील कुमार मोदी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर संबंधित मोबाइल नंबर जारी करते हुए कहा था कि जब घटना के समय उनके घर पर ही मौजूद उनकी पार्टी के विधायक ललन पासवान ने उन्हें सारी बात बतायी तो उन्होंने उसी नंबर पर वापस काॅल किया तो सीधे लालू प्रसाद यादव ने फोन उठाया तो उन्होंने उन्हें कहा कि आप यह गंदा खेल बंद कर दीजिए, इसमें कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।