PM मोदी का टैटू बनवाकर चर्चा में आई टैटू गर्ल रिद्धि हुई बेरोजगार, पिता ने किया था विरोध
पीठ पर पीएम मोदी का टैटू बनवाकर चर्चा में आई थी रिद्धि
जनज्वार, रांची। देश में बेरोजगारी का आलम चरम पर है। युवा रोजगार की तलाश कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ मुहिम चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भी युवाओं ने 'राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस' मनाकर अपने आक्रोश का इजहार किया था।
इन सबके बीच रांची के नामकुम की रहने वाली रिद्धि शर्मा, जिन्होंने कभी पीएम का टैटू अपनी पीठ पर बनवाया था और उस समय इसी वजह से वह काफी चर्चा में भी रही।
2019 में जब कश्मीर से अनुछेद 370 हटाया गया था, रिद्धि ने इस फैसले से खुश होकर रांची के टैटू पार्लर में अपनी पीठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टैटू बनवा डाला था। तब मीडिया में उनकी काफी चर्चा हुई थी। मगर समय के साथ रिद्धि अपने जीवन में व्यस्त हो गयी, और लोग भी उन्हें भूल गए, लेकिन एक बार फिर से रिद्धि चर्चा में आई हैं, वजह बिल्कुल ही अलग है। इस बार रिद्धि अपने बेरोजगार होने की वजह से चर्चा में हैं।
गौरतलब है कि खुद को पीएम मोदी की सबसे बड़ी फैन कहने वाली रिद्धि शर्मा ने अपनी सैलरी से ज्यादा पीएम के तस्वीर का टैटू बनवाने में खर्च कर दिए थे। रिद्धि उस समय एक दुकान में काम करती थी, और उनकी पगार 6000 रुपये महीना थी। इंटर पास रिद्धि ने पीएम का टैटू बनवाने के लिए अपने दोस्तों से भी आर्थिक मदद ली।
जानकारी के मुताबिक 8 से 10 हजार रूपये में रिद्धि ने अपनी पीठ पर टैटू गुदवाया। मगर इस साल लॉकडाउन के कारण दुकानदार का व्यापार ठप्प पड़ गया और उन्होंने रिद्धि को काम से निकाल दिया। जैसे-तैसे रिद्धि ने फिर से फुटपाथ पर जूता-चप्पल बेचना शुरू किया, मगर हालात ने यहां भी उसका साथ नहीं दिया। कारोबार मंदा हो गया और रिद्धि को बड़ा नुकसान हुआ। फिलहाल रिद्धि बेरोजगार है और अपने घर में ही परिवार का हाथ बंटा रही है। रिद्धि ने काम के लिए कई जगहों पर आवेदन दिया हुआ है, मगर अभी तक कहीं से कोई जवाब नहीं मिला।
पिता ने किया था विरोध
रिद्धि के पिता नरेश शर्मा नामकुम स्टेशन के पास फुटपाथ पर तिरपाल लगाकर नाई की छोटी सी दुकान चलाते हैं। घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। लॉकडाउन के कारण दुकान भी में लंबे समय तक बंद रही। नरेश शर्मा का पूरा परिवार आर्थिक तंगहाली में घिर गया। जैसे-तैसे अनलॉक होते ही उसके पिता नरेश शर्मा ने कुछ पैसे जुटाए और फिर से काम शुरू कर दिया।
अभी भी बाजार मंदा होने के कारण नरेश दिनभर में ज्यादा नहीं कमा पाते। बस खाने और घर के छोटे-मोटे खर्चों का जुगाड़ ही हो पाता है। नरेश शर्मा ने बताया कि रिद्धि का टैटू बनवाना उन्हें कभी पसंद नहीं था। मगर बेटी ने पिता की इच्छा के खिलाफ जाकर टैटू गुदवाया।
खुद को कार्यकर्ताओं की पार्टी बताने वाली बीजेपी ने आज तक अपनी सबसे बड़ी फैन रिद्धि शर्मा की सुध नहीं ली। यहां तक की रिद्धि जब अखबारों की सुर्खियां बन रही थी, तब भी किसी नेता या कार्यकर्ता ने रिद्धि के परिजनों से मुलाकात नहीं की।
लॉकडाउन के दौरान रिद्धि शर्मा के परिवार की स्थिति दयनीय हो गयी है। परिवार में नरेश शर्मा के अलावा उनका बेटा पार्ट टाइम जॉब करता है, जिससे बामुश्किल घर का खर्चा चल पाता है। नरेश शर्मा ने कहा कि राजनीति करने वाले केवल अपना फायदा देखते हैं। कोई नेता किसी का नहीं होता। अगर ऐसा होता तो आज रिद्धि शर्मा बेरोजगार नहीं होती।