असली चेहरा : Karnataka PSI recruitment scam में गिरफ्तार हुई दिव्या, BJP ने किया किनारा, कहा - 'पार्टी से कोई लेना देना नहीं'

Karnataka PSI Recruitment Scam : कर्नाटक में पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रदेश आपराधिक जांच विभाग (CID) की जांच टीम को शुक्रवार को बड़ी सफलता मिली है। सीआईडी ( CID News ) की जांच टीम ने भर्ती घोटाले ( Karnataka PSI Recruitment Scam ) की आरोपी और कलबुर्गी ( Kalburgi ) से फरार चल रही भाजपा नेत्री दिव्या हागारगी ( BJP Leader Divya Hagaragi arrested ) को गिरफ्तार कर लिया है।
कर्नाटक पुलिस ( Karnataka Police ) की ओर से जारी बयान के मुताबिक दिव्या हागारगी ( Divya hagaragi ) को महाराष्ट्र के पुणे स्थित एक ठिकाने से सीआईडी ( CID ) की टीम ने दबोचा लिया। गिरफ्तार भाजपा नेत्री दिव्या हागारगी ( BJP Leader Divya Hagaragi arrested ) को लेकर सीआईडी की टीम आज कर्नाटक पहुंचने की संभावना है।
कर्नाटक पीएसआई भर्ती घोटाले ( Karnataka PSI Recruitment Scam ) में गिरफ्तार होने वाली दिव्या 18वीं आरोपी हैं। दिव्या के पति राजेश हागारगी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उस समय दिव्या मौके से फरार होने में सफल रही थी।
भाजपा से दिव्या का कोई लेना देना नहीं
भाजपा नेता दिव्या हागारगी ( Divya Hagaragi ) कर्नाटक के कलबुर्गी में एक शैक्षणिक संस्थान चलाती हैं। संस्थान का नाम ज्ञान ज्योति संस्थान है। कलबुर्गी में भाजपा की महिला इकाई की अध्यक्ष रह चुकी हैं। कर्नाटक पीएसआई भर्ती घोटाला सामने आने के बाद पार्टी ने उनसे दूरी बना ली है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि उनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
फरवरी में गृह मंत्री आगा नगेंद्र से की थी मुलाकात
भाजपा के दावों के विपरीत स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दिव्या हागारगी भाजपा में सक्रिय थीं। वह कई पदों पर रह चुकी हैं। फरवरी में कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने दिव्या से मुलाकात की थी। यह भर्ती परिणामों की घोषणा के बाद हुआ था।
पैसे लेकर नौकरी दिलवाती थी दिव्या
कर्नाटक पीएसआई भर्ती घोटाले ( Karnataka PSI Recruitment Scam ) में दिव्या हागारगी का नाम सीआईडी ( CID ) की जांच में उस समय सामने आया जब वीरेश नाम के एक उम्मीदवार ने केवल 21 प्रश्नों का प्रयास करने के बावजूद भर्ती परीक्षा में 121 अंक हासिल किए। उनका परीक्षा केंद्र ज्ञान ज्योति संस्थान था। वीरेश ने 7वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन जांच से पता चला कि उसने पैसे देकर ये काम दिव्या के जरिए कराये थे। ताजा अपडेट यह है कि दिव्या की संस्था में कई उम्मीदवार ऐसे थे, जो कदाचार में लिप्त थे।
कर्नाटक पीएसआई भर्ती घोटाले में खास बात यह है कि स्थानीय उप निदेशक लोक शिक्षण ने संस्थान में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में परीक्षाएं नहीं कराने की सिफारिश की थी। इसके बावजूद पुलिस की भर्ती शाखा ने केंद्र को चुना था। इस केंद्र पर पिछले अक्टूबर में हुई पीएसआई परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे।
Karnataka PSI Recruitment Scam : बता दें कि कर्नाटक पीएसआई भर्ती परीक्षा में 54,041 छात्र शामिल हुए थे। इस परीक्षा के माध्यम से 545 पीएसआई पदों को भरा जाना था। इसके परिणाम जनवरी 2022 में घोषित किए गए थे।
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