NIA ने तेलंगाना प्रजा फ्रंट के उपाध्यक्ष को नक्सल समर्थक बताकर हैदराबाद से किया गिरफ्तार
जनज्वार ब्यूरो। एनआईए ने हैदराबाद के रहने वाले और तेलंगाना प्रजा फ्रंट (टीपीएफ) के उपाध्यक्ष 41 वर्षीय नलमासा कृष्णा को गिरफ्तार किया है। एजेंसी का मानना है कि कृष्णा ने भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
यह मामला मूल रूप से हैदराबाद के नलकुंटा पुलिस स्टेशन में पिछले अक्टूबर में दर्ज किया गया था और यह तेलंगाना विद्यार्थी वेदिका (टीवीवी) के अध्यक्ष माद्दिलेती उर्फ बंदारी माद्दिलेती के घर से कथित तौर पर बरामद किए गए दस्तावेजों और सामग्रियों की जब्ती पर आधारित था। बाद में यह मामला एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया था।
एजेंसी ने एक बयान में कहा, जांच से पता चला कि कृष्णा छत्तीसगढ़ के जंगलों में नियमित रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के शीर्ष नेताओं के पास जाता था और उनके निर्देशों को वह माद्दीलेती तक पहुंचाता था। एजेंसी फिलहाल पूरे मामले की विभिन्न कोणों (एगंल) से जांच कर रही है।
इससे पहले एनआईआए तब चर्चाओं में आयी थी जब उसने विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में असम के केएमएसएस के नेता अखिल गोगोई और धैजय कोंवर व छात्र संघ नेता बिट्टू सोनोवाल और मनीष कोंवर को यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने अखिल गोगोई और उनके सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर कहा था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने कुछ दोस्तों को 'कॉमरेड' कहा था और एक-दूसरों के बीच 'लाल सलाम' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत गोगोई और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी को सही ठहराने के लिए ये दलील दी थी।
इसके लेकर असम के किसान संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने आरोप लगाया था कि एनआईए उनके संगठन और इसके सदस्यों को माओवादी घोषित करने की कोशिश कर रही है। आउटलुक हिंदी की खबर के मुताबिक एनआईए द्वारा 29 मई को दायर चार्जशीट में यह उल्लेख किया गया था कि सोनोवाल ने लेनिन की एक तस्वीर को 'पूंजीपति हमें वह रस्सी बेचेंगे जिसके साथ हम उन्हें फांसी देंगे' इन शब्दों के साथ अपलोड किया था।
इसके बाद केएमएसएस ने 40 पेज की चार्जशीट में कई कमियों को उजागर करते हुए एनआईए द्वारा जबरदस्ती उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।