Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

अब जलसंरक्षण और सिंचाई सुविधा की बदहाली पर वरूण गांधी बोले - 'अन्नदाता का दर्द समझिए सरकार'

Janjwar Desk
10 July 2022 2:30 PM GMT
Varun Gandhi On Inflation : जनता को राहत देने के समय उन्हें किया जा रहा आहत, वरूण गांधी ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल
x

Varun Gandhi On Inflation : जनता को राहत देने के समय उन्हें किया जा रहा आहत, वरूण गांधी ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

महंगाई बढ़ने के कारण उज्जवला योजना के तहत मिले गैस सिलेंडरों को पिछले कई महीनों से महिलाओं ने नहीं भरवाया है और चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी से सांसद वरुण गांधी ( Varun Gandhi ) लगभग 2 साल से मोदी सरकार ( Modi Government ) पर निशाना साध रहे हैं। तेल व गैस के बढ़ते दामों ( Price hike ) लेकर सरकार की नीतियों पर वह कई बार सवाल उठा चुके हैं। अब किसानों की बदहाली को लेकर वरुण गांधी ( BJP MP Varun Gandhi ) ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा सांसद वरुण गांधी इससे पहले बेरोजगारी और महंगाई को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं।

सांसद वरुण गांधी ( Varun Gandhi ) ने ताजा ट्वीट में लिखा है कि खेतों में नमी के कारण फसल की रौनक गायब है। मानसून पिछड़ने से खेतों से रौनक और चेहरों से मुस्कुराहट गायब है। खेतों में नमी की कमी से खरीफ फसलों की बुआई बुरी तरह प्रभावित है। जल संरक्षण कैसे हो, सिंचाई व्यवस्था सुदृढ़ कैसे हो और बीज बोने का सही समय क्या हो, जैसे मुद्दों पर योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा। सरकार को अन्नदाता का दर्द समझना होगा।

भाजपा संसद वरुण गांधी ( BJP MP Varun Gandhi ) ने सरकार से अपील की है कि अन्नदाता का दर्द समझिए। अपने ट्वीट के माध्यम से वरुण गांधी ने एक रिपोर्ट भी शेयर की है, जिसने यह कहा गया है कि आमतौर पर धान के बिचड़े की रोपाई 25 से 30 दिनों में हो जानी चाहिए लेकिन इस बार नमी के कारण डेढ़ महीने से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक धान के बिचड़े की रोपाई नहीं हो पाई है।

इससे पहले वरुण गांधी ( Varun Gandhi ) ने ट्वीट कर एक रिपोर्ट सभी से साझा की थी। उक्त रिपोर्ट में बताया गया था कि महंगाई बढ़ने के कारण उज्जवला योजना के तहत मिले गैस सिलेंडरों को पिछले कई महीनों से महिलाओं ने नहीं भरवाया है और चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं। महिलाओं के गैस पासबुक खाते में महीनों से एंट्री दर्ज नहीं की गई है।

Next Story

विविध