Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Olympic : बॉक्सिंग का क्वार्टर फाइनल हारकर भी करोड़ों दिल जीत ले गये भारतीय बॉक्सर सतीश कुमार

Janjwar Desk
2 Aug 2021 9:01 AM IST
Olympic : बॉक्सिंग का क्वार्टर फाइनल हारकर भी करोड़ों दिल जीत ले गये भारतीय बॉक्सर सतीश कुमार
x

चेहरे पर कई जगह कटने के बाद भी लड़ते रहे सतीश कुमार. (image - sportskeeda)

सतीश ने जिस तरह का जज्बा दिखाया वह काबिलेतारीफ है। भारतीय मुक्केबाज की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। लोग सतीश के जज्बे को सलाम कर रहे हैं जो सात टांके लगने के बावजूद भी देश के लिए रिंग में उतरने से पीछे नहीं हटे...

जनज्वार ब्यूरो। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार बेशक अपना क्वॉर्टर फाइनल मुकाबला हार गए हों, बावजूद इसके उन्होंने दिल जीत लिया। चोट के बावजूद सतीश ने इस मुकाबले के लिए रिंग में उतरने का फैसला लिया और वर्ल्ड नंबर वन उज्बेकिस्तान के बाखोदिर जालोलोव का डटकर सामना किया।

ओलिंपिक में सुपर हैवीवेट कैटेगरी में उतरने वाले पहले भारतीय बने सतीश को तोक्यो ओलिंपिक 2020 (Tokyo 2020) प्री क्वॉर्टर फाइनल में जमैका के बॉक्सर रिकॉर्डो ब्राउन के खिलाफ मैच में ठुड्डी और दाईं आंख पर गहरा कट लगा था। इसके बाद उन्हें 7 टांके लगाने पड़े।

क्वॉर्टर फाइनल में सतीश का उतरना तय नहीं था। ऐन मौके पर उन्हें मेडिकल टीम ने अंतिम 8 के मुकाबले में उतरने को हरी झंडी दी। सतीश ने जिस तरह का जज्बा दिखाया वह काबिलेतारीफ है। भारतीय मुक्केबाज की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। लोग सतीश के जज्बे को सलाम कर रहे हैं जो सात टांके लगने के बावजूद भी देश के लिए रिंग में उतरने से पीछे नहीं हटे।

सतीश कुमार (प्लस 91) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद क्वॉर्टर फाइनल में हारकर बाहर तोक्यो ओलिंपिक से बाहर हो गए । सतीश 0-5 से हारे। सेना के 32 वर्षीय मुक्केबाज ने अपने दाहिने हाथ से पंच भी जड़े लेकिन जालोलोव पूरे मुकाबले में हावी रहे।

तीसरे दौर में सतीश के माथे पर लगा घाव खुल गया लेकिन इसके बावजूद वह लड़ते रहे। फुटबॉलर से मुक्केबाज बने जालोलोव ने अपना पहला ओलिंपिक पदक सुनिश्चित करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की। जालोलोव तीन बार के एशियाई चैम्पियन हैं। सतीश की हार के साथ पुरुष मुक्केबाजी में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई।

मेरे बच्चों को मुझपर गर्व है

सतीश कुमार ने लिखा कि, 'Pre quarterfinal मैच के बाद मेरे चेहरे पर 13 टाँके थे। पत्नी ने मना किया। पिता ने कहा अब बस कर। कोई भी परिवार यही कहता। पर मरता क्या ना करता? लड़ना तो था ही और मैं लड़ा। हार के बावजूद इतने फ़ोन आए कि लगा कि चैम्पियन मैं बना। मेरे बच्चों को गर्व है मुझ पर'

Next Story

विविध