PM Modi Security Breach : पंजाब के डीजीपी पर गिरी चन्नी सरकार की गाज, IPS VK Bhavra बनाए गए नए डीजीपी
चंडीगढ़। पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी सियासी जंग के बीच पंजाब में चुनाव तारीख ( Punjab Assembly Election 2022 ) की घोषणा से पहले चन्नी सरकार ( Punjab Government ) ने बड़ा फैसला लिया है। अहम फैसला लेते हुए चन्नी सरकार पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ( IPS siddharth chattopadhyay ) को उनके पद से हटा दिया है। उनकी जगह आईपीएस वीके भावरा ( IPS VK Bhawra ) को राज्य का नया डीजीपी ( Punjab News DGP ) नियुक्त किया गया है। पंजाब में चुनाव आचार संहिता लगने से महज़ कुछ घंटे पहले ही यह फैसला लिया है।
पंजाब सरकार ने यूपीएससी पैनल को आईपीएस अफसरों के नाम भेजे थे। इनमें से 1987 बैच के आईपीएस अफसर वीके भावरा को नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे विजिलेंस चीफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद उनके करीबी और तत्कालीन डीजीपी दिनकर गुप्ता छुट्टी पर चले गए थे। जिसके बाद आईपीएस सहोता को अतिरिक्त चार्ज दिया गया था। लेकिन कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की जिद के चलते उनके करीबी आईपीएस सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी को अतिरिक्त चार्ज दिया गया था।
कौन हैं आईपीएस वीके भावरा
वीके भावरा 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह डीजीपी होमगार्ड में तैनात थे। वे विजिलेंस चीफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं। यूपीएससी को भेजे गए पैनल में उनका नाम सबसे ऊपर रहा है। वह 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग द्वारा पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए थे। इस बार भावरा की डीजीपी पद पर नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है।
सिद्धू के चहेते अधिकारी गाज
पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जब अपने पसंदीदा अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को कार्यकारी डीजीपी नियुक्त किया तो पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को यह इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने प्रधान पद से अपना इस्तीफा पार्टी हाईकमान को भेज दिया। लेकिन बदले सियासी माहौल में कांग्रेस आलाकमान के इशारे पर चन्नी सरकार ने नए डीजीपी के लिए अफसरों का पैनल यूपीएससी को भेजा है। इससे पहले इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी बनाया गया था। चट्टोपाध्याय को पक्के तौर पर डीजीपी लगाना था, इसलिए यूपीएससी को भेजे पैनल में उनका नाम प्रमुखता से रखा गया था। लेकिन इस पद पर नियुक्ति के तय नियमों ने नवजोत सिद्धू के इरादों पर पानी फेर दिया और यूपीएससी ने चट्टोपाध्याय का नाम डीजीपी पैनल से ही बाहर कर दिया।