Rape Allegation against Bhushan Kumar : T-Series के मालिक की बढ़ीं मुश्किलें, रेप मामले में कोर्ट ने खारिज की पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट, लगायी फटकार
Rape Allegation against Bhushan Kumar : T-Series के मालिक भूषण कुमार की बढ़ीं मुश्किलें, दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने खारिज की पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट, लगायी फटकार
Rape Allegation against Bhushan Kumar : देश की नंबर वन म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज (T-Series) के मालिक और एमडी भूषण कुमार (Bhushan Kumar) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भूषण पर लगे रेप के आरोपों (Rape Case Charges) की जांच कर रही मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट (Closer Report) दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की जांच के दौरान बहुत से कानूनी पक्षों की अनदेखी की गई है।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि शिकायत करने वाली महिला ने फाइनल रिपोर्ट का सपोर्ट कर कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग किया है जो जरूरतमंदों के लिए बनाए गए हैं। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को निर्देश देते हुए कानून के मुताबिक मामले की जांच करने को कहा है जिसकी निगरानी जोन के डीसीपी करेंगे।
भूषण पर रेप के आरोप से पलट गयी थी शिकायतकर्ता
आपको बता दें कि पुलिस 'बी समरी' रिपोर्ट (फाइनल रिपोर्ट) किसी भी केस में तब फाइल की जाती है जब आरोप गलत इरादे से लगाए गए हों या जांच के दौरान पुलिस को कोई सबूत न मिले हों। आपको बता दें कि मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट आरआर खान ने पुलिस की समरी रिपोर्ट को इस महीने के शुरू में भी रिजेक्ट कर दिया था।
इस मामले में भूषण कुमार पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने बी समरी नोटिस मिलने के बाद कोर्ट में एक शपथपत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वह एक ऐक्ट्रेस हैं और परिस्थितियों के कारण हुई गलतफहमी के कारण उन्होंने ये आरोप लगाए थे और अब वह इन्हें वापस ले रही हैं। उसने शपथपत्र में कहा था कि पुलिस की बी-समरी रिपोर्ट पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।
कोर्ट ने भूषण कुमार को फटकार भी लगायी
कोर्ट ने कहा कि महिला ने कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग किया है जो जरूरतमंद लोगों के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने अपने निजी फायदे के लिए कानून का गलत इस्तेमाल किया है। जज ने भूषण कुमार और एक गवाह पर भी नाराजगी व्यक्त की जिन्होंने मामले में हस्तक्षेप करने के लिए याचिकाएं दाखिल की थीं। उन्होंने कहा कि दोनों के लिए मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कोई आधार नहीं है और उन्होंने ऐसी याचिका दाखिल कर अपनी सीमाएं लांघ दी हैं। मैजिस्ट्रेट ने कहा कि भूषण कुमार के ये प्रयास बताते हैं कि वह कितनी जल्द से जल्द इस मामले से बचना चाहते हैं।
पुलिस की जांच पर कोर्ट ने उठाये सवाल
कोर्ट ने पुलिस की जांच पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मामला दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी ने न तो आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश की और न ही आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोई अपील की। जिससे पता चलता है कि आरोपी कितने आत्मविश्वास में था कि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करेगी। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी ने मामले में ठीक से जांच नहीं की है।
जज ने कहा कि पता चलता है कि पीड़िता ने अपने निजी फायदे के लिए रेप जैसे क्रिमिनल लॉ का गलत इस्तेमाल किया है। जज ने कहा कि पुलिस ने होटल के रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और वैज्ञानिक आधार पर मिलने वाले सबूतों की अनदेखी की है। रेप जैसे जघन्य अपराध के मामलों में ऐसे उपलब्ध सबूतों को इकट्ठा किया जाना जरूरी होता है। कोर्ट ने पुलिस को कानूनी आधार पर मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
क्या था मामला
बता दें कि एक 30 वर्षीय एक अभिनेत्री ने बीते वर्ष जुलाई के महीने में भूषण कुमार पर रेप और धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। पीड़िता के मुताबिक भूषण कुमार ने उन्हें अपनी कंपनी के कुछ प्रोजेक्ट में काम देने का वादा करते हुए उनका रेप किया था। इस मामले में भूषण कुमार पहले ही खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बता चुके हैं।