Regional Parties Donation : जेडीयू को मिला सबसे ज्यादा चंदा, 4 दलों ने EC को नहीं दी चंदे की जानकारी
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Regional Parties Donation : क्षेत्रीय दलों में जनता दल यूनाइटेड ( JDU News ) सबसे अमीर पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। एक ताजा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। चुनाव अधिकार समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ( ADR Report ) के मुताबिक देश में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे में से 113.791 करोड़ रुपए यानि करीब 91% पांच पार्टियों को मिले हैं। इनमें जेडीयू को सबसे ज्यादा चंदा मिला है।
एडीआर की रिपोर्ट ( ADR Report ) के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान चुनाव आयोग ( Election Commission ) के समक्ष क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे ( Political Donation ) पर केंद्रित है। घोषित चंदे के मामले में शीर्ष पांच क्षेत्रीय पार्टी जनता दल यूनाइटेड ( JDU ), द्रविड़ मुनेत्र कषगम ( DMK ), आम आदमी पार्टी ( AAP), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ( IUML ) और तेलंगाना राष्ट्र समिति ( TRS ) शामिल हैं।
केवल 5 दलों को मिले 91% से ज्यादा चंदा
एडीआर की रिपोर्ट ( ADR Report ) में कहा गया है कि क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपए पांचों पार्टियों के खजाने में गया है। इनमें जेडीयू, द्रमुक और टीआरएस ने अपने चंदे में बढ़ोतरी की घोषणा की है। आप और आईयूएमएल ने वित्त वर्ष 2019.-20 की तुलना में चंदे में कमी की जानकारी दी है। द्रमुक, टीआरएस, जेडीयू और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, मनसे ने वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच चंदे से अपनी आय में अधिकतम बढ़ोतरी दिखाई है। जेडीयू 330 दान से 60.155 करोड़ रुपए के साथ शीर्ष स्थान पर है। द्रमुक 177 दान से 33.993 करोड़ रुपए मिले हैं। आप ने चंदे से 11.328 करोड़ रुपए हासिल करने की घोषणा की। आईयूएमएल और टीआरएस ने क्रमशः 4.165 करोड़ रुपए और 4.15 करोड़ रुपए का चंदा मिलने की घोषणा की है।
इन दलों ने नहीं दी चंदे की जानकारी
54 क्षेत्रीय दलों में से केवल छह ने निर्धारित समय अवधि के भीतर निर्वाचन आयोग को अपनी दान रिपोर्ट जमा की। पच्चीस अन्य दलों ने अपनी प्रस्तुति देने में तीन से 164 दिन तक की देरी की। 27 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि 3,051 से 124.53 करोड़ रुपए थी। इसमें 20,000 रुपए से ज्यादा और कम दोनों रकम शामिल हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए झामुमो, एनडीपीपी, डीएमडीके और आरएलटीपी द्वारा चंदा मिलने की कोई जानकारी नहीं दी गई है।