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RJD Meeting Update : RJD की मीटिंग छोड़कर गुस्से में निकले तेजप्रताप यादव, कहा- श्याम रजक ने मेरी बहन को गाली दी,जानिए क्या है पूरा मामला

Janjwar Desk
9 Oct 2022 7:25 PM IST
RJD Meeting Update : RJD की मीटिंग छोड़कर गुस्से में निकले तेजप्रताप यादव, कहा- श्याम रजक ने मेरी बहन को गाली दी,जानिए क्या है पूरा मामला
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RJD Meeting Update : RJD की मीटिंग छोड़कर गुस्से में निकले तेजप्रताप यादव, कहा- श्याम रजक ने मेरी बहन को गाली दी,जानिए क्या है पूरा मामला

RJD Meeting Update : नई दिल्ली में चल रहे राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अधिवेशन में आज हंगामा हो गया। राजद नेता तेजप्रताप यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम राजक पर उनसे, उनकी बहन और उनके निजी सचिव से उपशब्द बोलने का आरोप लगाया।

RJD Meeting Update : नई दिल्ली में चल रहे राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अधिवेशन में आज हंगामा हो गया। राजद नेता तेजप्रताप यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम राजक पर उनसे, उनकी बहन और उनके निजी सचिव से उपशब्द बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मेरे पास इसका ऑडियो है और इसे पोस्ट करूंगा। उधर, श्याम रजक ने खुद को दलित बताते हुए कहा है कि वे जो भी कह रहे हैं, सामर्थ्य के आधार पर कह रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नई दिल्ली में आरजेडी का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा था। इस दौरान लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव भी इस अधिवेशन में शामिल हुए थे। कुछ देर बाद ही तेज प्रताप यादव अधिवेशन को बीच छोड़कर गुस्से बाहर निकल गए। जब इस पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां पर गालियां सुनने नहीं आया हूं।

मीडिया से बातचीत में तेज प्रताप यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम राजक पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने कार्यक्रम के बारे में पूछा तो श्याम राजक ने मुझे, मेरे निजी सहायक और मेरी बहन को अपशब्द बोले हैं। हमारे पास इसका ऑडियो भी है। हम उसे अपने पेज पर पोस्ट करेंगे। उन्होंने श्याम राजक को बीजेपी और आरएसएस का एजेंट बताते हुए कहा कि इसे संगठन से बाहर निकाला जाना चाहिए।

श्याम राजक बोले- मैं दलित, वे सामर्थ्यवान

इस पूरे विवाद पर श्याम राजक की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। श्याम राजक ने एएनआई से बातचीत में कहा, 'मैं एक बात कहना चाहता हूं कि 'समरथ के होत ना कोई दोष गोसाई' जो सामर्थ्यवान व्यक्ति होता है, उसको कुछ भी कहने का अधिकार है। मैं दलित समाज से हूं। दलित बंधुआ मजदूर होता है, मैं बंधुआ मजदूर हूं। वे जो भी कह रहे हैं सामर्थ्य के आधार पर कह रहे हैं।

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