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RSS की सहयोगी BMS ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, श्रम नीतियों को बताया जनविरोधी

Janjwar Desk
17 July 2022 4:32 AM GMT
RSS की सहयोगी BMS ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, श्रम नीतियों को बताया जनविरोधी
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RSS की सहयोगी BMS ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, श्रम नीतियों को बताया जनविरोधी

RSS से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने श्रम मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में गरीब मजूदरों के लिए न्यूनतम गारंटी लाभ में 50 फीसदी वृद्धि की मांग की है।

नागपुर। मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को अभी तक उनके विरोधी हमला बोल रहे थे, लेकिन अब उनके सहयोगी भी खुलकर सामने आने लगे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने मोदी सरकार की उसकी जन-विरोधी नीतियों पर हमला बोला है। 13 से 17 जुलाई तक चलने वाले सम्मेलन का आज अंतिम दिन है।

सीआईएल का रवैया निगेटिव

बीएमएस के महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों एवं प्रबंधन के बीच वेतन समीक्षा वार्ता चल रही थी लेकिन सीआईएल ने कर्मचारियों को बस तीन फीसद वृद्धि की पेशकश कर नकारात्मक रवैया अपना लिया है।

मजदूरों को न्यूनतम गारंटी लाभ 50 फीसदी मिले

अब बीएमएस ने केंद्र की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है। RSS से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने श्रम मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में गरीब मजूदरों के लिए मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने न्यूनतम गारंटी लाभ में 50 फीसदी वृद्धि की मांग की है। सिन्हा ने कहा है कि समस्या का सम्मानजनक हल चाहते हैं।

बीएमएस के महामंत्री विनय सिन्हा ने कहा कि वेतन और सुरक्षा कोड ऐतिहासिक हैं और श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए बहुत सारे लाभ हैं लेकिन औद्योगिक संबंध संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता में कुछ प्रावधान श्रमिकों के हित में नहीं हैं। औद्योगिक संबंध कोड ट्रेड यूनियनों को खत्म कर देगा। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार दो कोड में आवश्यक बदलाव करे। हम निजीकरण, निगमीकरण और मुद्रीकरण का भी विरोध करते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार सहकारी समितियों जैसे विकल्पों को देखे और हितधारकों को विश्वास में ले।

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