सम्राट मिहिर भोज के नाम से गुर्जर शब्द हटाए जाने को लेकर गुर्जरों में गुस्सा, दादरी कूच करेंगे गुर्जर

(सोशल मीडिया पर गुर्जरों से की जा रही दादरी चलने की अपील)
जनज्वार। किसी का नाम उस व्यक्ति और उसके समाज की पहचान होती है। क्या हो अगर वहीं नाम हटा लिया जाए। गुर्जर समाज (Gurjar Samaj) के लोग मान रहे हैं कि ऐसा ही उनके साथ भी हुआ है। इस बात से गुस्साए गुर्जर समाज के लोग अलग - अलग स्थानों से जैसे कि दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दादरी (Dadri) कूच कर रहें है जिससे ये सभी वहां महापंचायत में शामिल हो सकें। इस महापंचायत का आयोजन गुर्जर समाज के समुदाय ने अपनी पहचान के साथ हुई धोखाधड़ी के लिए इंसाफ की मांग के लिए किया है।
जब राजनीति में सत्ता और वोट न मिलने का डर बनता है तो नेता सही-गलत को छोड़ अपना उल्लू सीधा करने में यकीन रखते हैं। वैसे तो ज्यादतर सरकार किसी एक जाति (Caste), धर्म (Religion) और समुदायों के लोगों निशाना बनाने से कभी नहीं चूकती। ऐसे में मिहिर भोज को लेकर सीएम द्वारा ऐसा बयान देना कि महापुरुष किसी एक जाति के नहीं बल्कि सबके थे। थोड़ा अचरज की बात लगती है।
कुछ ऐसी ही घटना दादरी में भी हुई। हाल ही में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था। जब वे सभा को सम्बोधित करके हटे तो गुर्जरों ने नारेबाजी शुरू कर दी क्योंकि मिहिर की प्रतिमा के आगे से उनका गौरव यानी गुर्जर शब्द ही हटा लिया गया था। ये उनके लिए अपमानजनक बात है या कह लीजिए उनकी पहचान ही हटा दी गई हो।
आपको बता दें कि दादरी, जेवर की विधानसभा में गुर्जरों और राजपूतों का बड़ा दबदबा है। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण से पूर्व ही दादरी में राजपूतों और गुर्जरों में तगड़ी झड़प हुई थी क्योंकि राजपूतों का कहना था कि मिहिर क्षत्रिय, राजपूत थे और वहीं गुर्जरों का कहना था वे गुर्जर थे। उसके बाद से गुर्जर इसे अपने साथ धोखा मान रहे हैं। अपनी पहचान के साथ खिलवाड़ के चलते पूरे गुर्जर समाज में गुस्सा है।
जब नाम हटाए जाने वाला विवाद उभर कर सबके सामने आया तो कुछ नेता और इतिहासकारों ने उनकी अलग - अलग परिभाषा ही रच डाली। किसी ने कहा क्षत्रिय थे, तो किसी ने कहा गुर्जर उस समय थे ही नहीं। जैसे किसी राजनीतिक उद्देय से ही इतिहास बदल दिया गया हो। ताकि आने वाले समय में वोट बैंक में कोई नुकसान न उठाना पड़े। इस तरह की परिभाषा से तो ये साफ हो जाता है कि सम्राट मिहिर के नाम की परिभाषा राजनीति उद्देय से निर्धारित की जा रही हैं।
कौन है सम्राट मिहिर भोज
इतिहासकार विनय सिंह (Vinay Singh) ने कहा कि सम्राट मिहिर भोज (Mihir Bhoj) गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे ताकतवर राजा थे । प्रतिहार वंश की स्थापना आठवीं शताब्दी में नाग भट्ट ने की थी और उनका सबंध गुर्जरों से था।
सोशल मीडिया (Social Media) पर इस वक्त '26 सितंबर गुर्जर दादरी चलो ट्रेंड कर रहा है। लोगों से दादरी चलने की अपील की जा रही है। चार बार सांसद रहे अवतार सिंह भडाना ने भी ट्वीट किया और लिखा- मैं कल दादरी जाऊंगा।
मैं कल दादरी जाऊंगा#26सितंबर_गुर्जर_दादरी_चलो pic.twitter.com/EPwB3OMG8p
— Avtar Singh Bhadana (@AvtarBhadanaMP) September 25, 2021
गुज्जर हंसराज नाम के ट्वीटर यूजर ने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- अभी नहीं तो कभी नहीं , समाज के मान सम्मान स्वाभिमान की बात है गुर्जरों उठो और लिखो। है अगर स्वाभिमान जिंदा कौम की खातिर तो चलो दादरी।
एक अन्य यूजर अभिनव गुर्जर ने अपना वीडियो साझा करते हुए लिखा- गुर्जर सम्राट मिहिर भोज गुर्जर थे और हमेशा रहेंगे।
#GurjarPratiharSamratMihirBhoj #HinduWithBJP
— iabhinavgurjar (@iabhinavgurjar) September 18, 2021
GURJAR SAMRAT MIHIR BHOJ WAS A GURJAR AND WILL ALWAYS . pic.twitter.com/eJvGAh064U
रोहित मीणा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा- "यह स्वाभिमान की लड़ाई है..! सभी साथियों से निवेदन है कि इस लड़ाई में समाज का साथ दें..! ताकि जो गुर्जर समाज के इतिहास के साथ हो रहा है वो आपके इतिहास के साथ ना हो। आख़िर इतिहास से कब तक छेड़खानी की जाएगी ? लड़ेंगे ,जीतेंगे...!"
यह स्वाभिमान की लड़ाई है..! सभी साथियों से निवेदन है कि इस लड़ाई में समाज का साथ दें..! ताकि जो गुर्जर समाज के इतिहास के साथ हो रहा है वो आपके इतिहास के साथ ना हो |
— Rohitash meena (@iRohit_Meena) September 25, 2021
आख़िर इतिहास से कब तक छेड़खानी की जाएगी ? लड़ेंगे ,जीतेंगे...!
#26सितंबर_गुर्जर_दादरी_चलो











