Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Sanjay Raut: जब संजय राउत ने लगा दी थी दाऊद इब्राहीम को फटकार, रह चुके हैं जाने माने क्राइम रिपोर्टर

Janjwar Desk
1 Aug 2022 5:44 PM GMT
Sanjay Raut: जब संजय राउत ने लगा दी थी दाऊद इब्राहीम को फटकार, रह चुके हैं जाने माने क्राइम रिपोर्टर
x
शिवसेना के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाने वाले संजय राउत इन दिनों ईडी की रिमांड पर हैं. आज PMLA कोर्ट ने उन्हें 4 अगस्त तक के लिए रिमांड पर भेजा है. इस मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं.

Sanjay Raut: मुंबई के गोरेगांव का 1034 करोड़ के पात्रा चॉल घोटाले में शिवसेना लीडर संजय राउत पर ED का शिकंजा कस चुका है. इस मामले में ईडी ने संजय राउत को रविवार को गिरफ़्तार किया और सोमवार को संजय राउत का जेजे अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया गया. जहां उन्हें 4 अगस्त तक ED की रिमांड में भेजा गया है. संजय राउत की गिरफ़्तारी से शिवसेना के तमाम लीडर्स और कार्यकर्ता नाराज़ नज़र आ रहे हैं. संजय राउत शिवसेना की एक मज़बूत आवाज़ हैं और उनपर इस एक्शन को अपोज़िशन की आवाज़ दबाने की साज़िश करार दिया जा है. अपनी बुलंद आवाज़ और निडर रवैये के लिए पहचाने जाने वाले संजय राउत की ज़िंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें आपको बताते हैं.

क्राइम रिपोर्टिंग से की करियर की शुरुआत:

महाराष्ट्र की सियासत में संजय राउत एक बड़ा नाम है. राउत अपनी सियासी पारी के अलावा अपने स्टाइल, अपनी बातों और अपने फिल्म डायरेक्शन के शौक लिए के लिए भी जाने जाते हैं. इसके अलावा राउत एक मशहूर क्राइम रिपोर्टर भी रह चुके हैं. उन्होंने अपने करियर का आगाज़ "लोकसभा पत्रिका" से बतौर क्राइम रिपोर्टर की थी.

क्राइम रिपोर्टर रहते हुए दाऊद को लगायी थी फटकार:

दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और अंडरवर्ल्ड पर लिखी उनकी रिपोर्ट एक दौर में सुर्ख़ियों का सबब बानी रही. उनकी रिपोर्टिंग से कई खुलासे हुए, कहा जाता है कि वो क्राइम रिपोर्टर होते हुए भी कभी पुलिस थाने नहीं गए. कहा जाता था कि दाऊद इब्राहिम कई बार संजय राउत को खबरें देने के लिए आया करता था. इस बात का ज़िक्र खुद संजय राउत ने एक प्रोग्राम के दौरान किया था. इसी प्रोग्राम में उन्होंने यह भी बताया था कि कैसे उन्होंने एक बार दाऊद इब्राहिम को फटकार भी लगायी थी.

कैसे आये बाला साहेब ठाकरे के नज़दीक:

बेखौफ रिपोर्टिंग के चलते उनका नाम बड़ा होता गया और वो बाला साहेब ठाकरे की नज़रों में आ गए. जिसके बाद उनकी बाला साहेब से नजदीकियां बढ़ने लगीं. संजय को बाला साहेब ने एक ऐसा ऑफर दिया जिससे वो ठुकरा ही ना सके. दरअसल बाला साहेब ने उन्हें शिवसेना के मुखपत्र "सामना" का कार्यकारी संपादक बनने का ऑफर दिया था. जिसे राउत ने क़ुबूल किया और करीब 30 वर्षों तक वो इस पद पर अपनी जिम्मेदारियां देते रहे.

कैसे हुई पॉलिटिक्स में एंट्री:

कार्यकारी संपादक रहते हुए राउत धीरे-धीरे शिवसेना का एक अंदरुनी हिस्सा बन गए. सियासत में उनकी दिलचस्पी को देखते हुए बाला साहेब ने उन्हें शिवसेना का उप नेता बना दिया. उसके बाद वह अपनी सूझ-बूझ की मदद से पार्टी में अपना कद बढ़ाने में कामयाब हुए जिसका उन्हें फल भी मिला. 2004 में वह पहली बार शिवसेना के टिकट से राज्यसभा पहुंचे.

फूट के बाद भी नहीं छोड़ा शिवसेना का साथ:

बालासाहेब के जाने के बाद संजय राउत उद्धव ठाकरे के करीब आए. राउत के रिश्ते मातोश्री से भी करीबी हैं वो हाल ही में देखा गया, जब शिवसेना के 40 MLA बाग़ी हुए उस वक़्त में भी उद्धव ठाकरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नज़र आये. उन्होंने ठाकरे का साथ नहीं छोड़ा और उनकी तरफ से मोर्चा संभाले रखा.

Next Story

विविध