ED की हिरासत में शक्तिभोग के CMD केवल कृष्ण कुमार, 10 बैंकों से 3,269 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
दिल्ली जनज्वार। मैसर्स शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड (M/s Shakti Bhog Foods Limited) के सीएमडी केवल कृष्ण कुमार (Kewal Krishan Kumar) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच एजेंसी ने अपने एक बयान में बताया कि केवल कृष्ण कुमार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत रविवार 4 जुलाई को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली और हरियाणा में छापेमारी की थी। शक्ति भोग के सीएमडी के नौ ठिकानों पर रेड हुई थी। इस दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जांच एजेंसी को मिले थे।
9 जुलाई तक हिरासत में केवल कृष्ण कुमार
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार 5 जुलाई को इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि उसने दिल्ली स्थित शक्ति भोग फूड्स लिमिटिड के अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक (सीएमडी) केवल कृष्ण कुमार को एरेस्ट कर लिया है। ये गिरफ्तारी कई बैंकों से हजारों करोड़ की हेराफेरी के आरोप में की गयी। जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुमार को रविवार को गिरफ्तार कर विशेष मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया गया। जहां स्पेशल कोर्ट ने उन्हें नौ जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। बयान के मुताबिक, 9 ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान विभिन्न अपराध संकेती दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए की आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज किया था।
10 बैंकों से 3,269 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड कंपनी, जो शक्ति भोग ब्रांड से आटा, चावल, बिस्कुट और कुकीज बनाती है के खिलाफ इस साल की शुरुआत में सीबीआई ने शिकायत दर्ज करायी थी। एफआईआर में कंपनी के सीएमडी केवल कृष्ण कुमार और डायरेक्टर सिद्धार्थ कुमार और सुनंदा कुमार को नामजद किया था। केवल कृष्ण कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने 2021 की शुरूआत में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले 10 बैंकों के एक समूह से 3,269 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। स्टेट बैंक के अनुसार निदेशकों ने लोगों के पैसे को हड़पने के लिए कथित तौर पर खातों में हेराफेरी की और नकली दस्तावेज तैयार किए। दर्ज एफआईआर के मुताबिक, इस धोखाधड़ी का खुलासा जून 2019 में फॉरेंसिंक ऑडिटर्स की रिपोर्ट में हुआ था। यह लेनदेन अप्रैल 2013 से मार्च 2017 के बीच किया गया। इस अकाउंट पर 2016 करोड़ रुपये का बकाया है और यह मार्च 2015 में एनपीए बना था। फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, अकाउंट स्टेटमेंट्स और स्टॉक स्टेटस में गड़बड़ी की गई है।
बैंक ने अनुसार, 24 साल पुरानी इस कंपनी की साल 2008 में कारोबार वृद्धि 1411 करोड़ रुपये थी, लेकिन साल 2014 में ये बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये हो गई। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी जांच शुरू की थी। ईडी ने कहा कि केवल कृष्ण कुमार पर आरोप है कि उन्होंने कुछ कंपनियों द्वारा संदिग्ध खरीद-फरोख्त के जरिये कर्ज खाते के पैसे को हेराफेरी करके बाहर भेज दिया।