ओलंपिक में भारतीय टीम के हारने पर दलित हॉकी खिलाड़ी के घर के बाहर मनाया शर्मनाक जश्न, एक आरोपी गिरफ्तार
(हॉकी प्लेयर वंदना कटारिया के परिजनों का आरोप है कि उनके पड़ोस में रहने वाला विक्की पाल उनसे जातिगत ईर्ष्या रखता है।)
सलीम मलिक की रिपोर्ट
हरिद्वार। दलित समाज से आने वाली और हरिद्वार निवासी वंदना कटारिया जब भारत की ओर से ओलंपिक खेलने गयी होंगी तो उन्होंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि टीम की हार की वजह उनकी जाति में तलाशी जाएगी। लेकिन यह सब हुआ। टीम के अर्जेटीना से हारने के बाद पड़ौसियों की ओर से न केवल वंदना के घर के बाहर आतिशबाजी कर खुशी मनाई गई बल्कि इस हार की वजह वंदना की जाति को भी बताया गया। उत्तराखण्ड के हरिद्वार जनपद के रोशनाबाद गांव में हुई घटिया शर्मनाक घटना के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मुख्य आरोपी को पकड़ लिया है।
बता दे कि वंदना कटारिया ओलंपिक में भारत की महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड प्लेयर हैं और वह अकेली ऐसी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलंपिक में गोल दागने की हैट्रिक लगाई है। टोक्यो ओलंपिक में पूरा देश बुधवार को भारतीय महिला हॉकी टीम के सेमीफाइनल में जीत के लिए दिनभर दुआएं करता रहा लेकिन भारतीय हॉकी टीम को अर्जेटीना से 2-1 से हारना पड़ा।
इससे पहले स्ट्राइकर वंदना कटारिया की ऐतिहासिक हैट्रिक के दम पर भारत ने 'करो या मरो' के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका टीम को 4-3 से हराकर टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखी थीं। इसके बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस सेमीफाइनल में पहुंची थी। वंदना ने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल किया था. वह ओलंपिक के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी।
पूरे देश की तरह वंदना का परिवार भी इस हार से मायूस था लेकिन रात को उनके घर के बाहर कुछ लोगों ने आतिशबाजी करते हुए कपड़े उतारकर डांस करना शुरू कर दिया। इन लोगों ने महिला टीम के हारने की वजह उसमें जरूरत से ज्यादा दलित खिलाड़ी होना बताया। वंदना के भाई चंद्रशेखर कटारिया के अनुसार यह लोग हॉकी ही नहीं हर खेल से दलितों को दूर रखने की बात कर रहे थे।
हॉकी प्लेयर वंदना कटारिया के परिजनों का आरोप है कि उनके पड़ोस में रहने वाला विक्की पाल उनसे जातिगत ईर्ष्या रखता है। इसलिए टीम के हारने पर विक्की पाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके घर के बाहर आतिशबाजी कर जातिसूचक शब्दों के प्रयोग से उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया। इसकी सूचना उनके द्वारा पुलिस को दी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी विक्की पाल को हिरासत में लिया।
इस मामले में हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज ने बताया कि वंदना कटारिया के भाई चंद्रशेखर कटारिया की तहरीर पर तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद गुरुवार को गांव के तीन युवकों के खिलाफ सिडकुल थाने में आईपीसी की धारा 504 और एससी/एसटी एक्ट की धारा तीन के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच सीओ सदर डॉ. विशाखा अशोक को दी गई है।
इस शर्मनाक घटना के पब्लिक डोमेन में आते ही इसकी तीखी निंदा शुरू हो गयी है। ट्विटर पर मीना कोटवाल ने कहा "वह भारत की बेटी बनकर गयी थी, लेकिन जातिवादियों ने उसे भी दलित की बेटी बना दिया। वह लोग बताएं जो ज्ञान दे रहे थे कि दिल्ली गैंगरेप को जाति से नहीं जोड़ना चाहिए। उत्तराखण्ड के दलित चिंतक राजाराम विद्यार्थी ने कहा कि जातीय अहंकार के कारण दलितों के साथ मारपीट, भेदभाव होने की ख़बरें इस आधुनिक युग में भी आम हैं। लेकिन टीम की हार के लिए किसी पुरूष या महिला खिलाड़ी को उसकी जाति के कारण निशाना बनाना, घिनौनी जातिवादी सोच का वीभत्स रूप है।
उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के नेता और राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि बीसवीं सदी में जब दुनिया असंभव को संभव कर दिखा रही है। तो इस तरह की घटनाएं और मानसिकता देश की तरक्की में बहुत बड़ा रोड़ा हैं। महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन पर हर भारतीय को नाज है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए जातीय श्रेष्ठता ही सब कुछ है। ऐसी सोच के लोग समाज की प्रगति में रोड़ा हैं।