Shatru After Bypoll Win : आसनसोल में भाजपा को "खामोश" कर शत्रु बोले- ये ममता और बंगाल के जनता की जीत, हर कदम पर तृणमूल के साथ
Shatru After Bypoll Win : ये बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यहां की जनता की जीत, हर कदम पर तृणमूल के साथ; बोले शत्रुघ्न सिन्हा
Shatru After Bypoll Win : आसनसोल लोकसभा उपचुनाव (Asansol Loksabha Bypolls) में जीत के बाद अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने कहा है कि हमारे साथ ज्यादतियां हुई हैं। पहले EVM (EVM) में कई जगह खेला होता था, लेकिन इस बार बिना किसी भय के निष्पक्ष चुनाव हुए हैं। ये जीत ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) की है, ये जीत कार्यकर्ताओं और आसनसोल (Asansol) की जनता की है।
आसनसोल लोकसभा सीट पर जीत के बाद सिन्हा ने कहा है कि यह जीत टीएमसी (TMC) की जीत, टीएमसी नेता ममता बनर्जी की जीत है। यह जीत पूरे बंगाल की जनता की है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी देश में पसंद की जाने वाली और चर्चित नेता हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान वह गेम चेंजर की भूमिका निभाएंगी। वह जहां भी जाएंगी हम उनके साथ बने रहेंगे चाहे वह बिहार ही क्यों ना हो।
आपको बता दें कि पहले शत्रुघ्न सिन्हा बिहार के पटना के पटना साहिब सीट से जीत कर लोकसभा पहुंचते थे। पर 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने उनका टिकट काटकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को दे दिया था। इसके बाद शत्रुग्न सिन्हा कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर रविशंकर प्रसाद के सामने चुनाव मैदान में उतरे थे पर वह चुनाव हार गए थे।
बंगाल विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद जब बाबुल सुप्रियो ने भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था तो उन्होंने आसानसोल लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। जब यहां उपचुनाव की घोषणा हुई तो तृणमूल ने इस सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी में शामिल कराकर इस सीट से टिकट दे दिया। वहीं बाबुल सुप्रियो को बालीगंज विधानसभा सीट से टीएमसी ने उतरा। बालीगंज विधानसभा सीट पर भी बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज कर ली है।
इसके साथ ही बिहार विधानसभा की बोचहां सीट पर हुए उपचुनाव में राजद के अमर पासवान विजयी हुए हैं। यह सीट उनके पिता के निधन के बाद खाली हो गयी थी। यहां यह बात दिलचस्प है कि अमर पासवान के पिता मुसाफिर पासवान एनडीए के घटक दल वीआईपी के टिकट पर चुनाव जीते थे, पर उपचुनाव से पहले भाजपा और वीआईपी के बीच हुई तनातनी के दौरान बेटे अमर पासवान ने राजद का दामन थाम लिया था।