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Shiv Sena Crisis: उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को सौंपे चुनाव चिह्न के विकल्प, जानिए अब क्या होगा?

Janjwar Desk
9 Oct 2022 6:15 PM IST
Shiv Sena Crisis: उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को सौंपे चुनाव चिह्न के विकल्प, जानिए अब क्या होगा?
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Shiv Sena Crisis: उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को सौंपे चुनाव चिह्न के विकल्प, जानिए अब क्या होगा?

Shiv Sena Crisis: भारत निर्वाच आयोग (Election Commission of India) ने शिवसेना (Shiv Sena) के चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' को फ्रीज कर दिया है। आयोग का कहना है कि अगले फैसले तक इस चुनाव चिह्न (Election Symbol) का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।

Shiv Sena Crisis: भारत निर्वाच आयोग (Election Commission of India) ने शिवसेना (Shiv Sena) के चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' को फ्रीज कर दिया है। आयोग का कहना है कि अगले फैसले तक इस चुनाव चिह्न (Election Symbol) का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। इसका अर्थ यह है कि न तो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और न ही शिंदे गुट (Shinde Faction) तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव (Byelection) में किसी अन्य चिह्न पर चुनाव लड़ पाएगी। यही नहीं, शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने पार्टी का नाम बदलने पर भी बड़ा बयान दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारे चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। उन्होंने हमें चिन्ह देने के लिए कहा था। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को तीन प्रतीक दिए त्रिशूल, मशाल और उगता सूरज का नाम दिया है। चुनाव आयोग अब तय करेगा कि कौन सा चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाएगा।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारी पार्टी का नाम शिवसेना है। अगर चुनाव आयोग 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे', 'शिवसेना प्रबोधनकर ठाकरे' या 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' सहित शिवसेना से संबंधित कोई भी नाम देता है, तो वह हमें स्वीकार्य होगा।

चुनाव आयोग की ओर से चुनाव चिह्न फ्रीज किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों के साथ बैठक की। इसमें चुनाव चिह्न पर चर्चा हुई। शाम को सीएम एकनाथ शिंदे का गुट बैठक करेगा। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने दोनों गुटों को दस अक्टूबर दोपहर एक बजे तक अपने-अपने चुनाव चिह्न मांगे थे। हालांकि आयोग ने दोनों गुटों को छूट दी थी कि दोनों ही गुट अपने नाम के साथ सेना शब्द का उपयोग कर सकते हैं। उद्धव गुट और शिंदे गुट के बीच लंबे समय से वास्तविक शिवसेना और नकली शिवसेना को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस जंग में कौन जीतेगा, यह तो चुनाव के परिणाम सामने आने पर ही स्पष्ट हो पाएगा।

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