मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई केस में थाने आकर बयान दर्ज कराने से ट्विटर के एमडी किया इनकार, पुलिस ने भेजा एक और नोटिस
(पुलिस की जानकारी में यह तथ्य है कि टि्वटर इंडिया के एमडी होने के नाते वह भारत में ट्विटर के प्रतिनिधि हैं। इस कारण वह इस जांच में सहयोग करने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य हैं।)
जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई वाले वीडियो का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में गायियाबाद पुलिस ने हाल ही में ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस भेजकर लोनी थाने में आकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पुलिस की ओर से इस मामले में उन्हें फिर नोटिस भेजा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी बेंगलुरु में रहते हैं। गाजियाबाद पुलिस ने 17 जून को उन्हें नोटिस जारी किया था। उनसे मामले में सात दिन के भीतर लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया था। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया।
पुलिस ने माहेश्वरी को दोबारा नोटिस भेजा है और कहा है कि वह खुद आकर अपना बयान दर्ज कराएं। नोटिस में कहा गया कि वह विवेचनात्मक कार्यवाही में सहयोग देने से बच रहे हैं। उन्होंने जो स्पष्टीकरण दिया है, वह किसी भी प्रकार से औचित्य पूर्ण नहीं है।
पुलिस की जानकारी में यह तथ्य है कि टि्वटर इंडिया के एमडी होने के नाते वह भारत में ट्विटर के प्रतिनिधि हैं। इस कारण वह इस जांच में सहयोग करने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य हैं। जनता और राज्य की सुरक्षा व सद्भाव बनाए रखने के लिए व्यापक हित में ट्विटर इंडिया के हैंडल के माध्यम से भारत में प्रसारित कौन सा ट्वीट हटाया जाना चाहिए, इसके बारे में निर्णय लेने की शक्ति उन्हीं के पास हैं।
इसके पहले पुलिस अधीक्षक (गाजियाबाद ग्रामीण) ईरज राजा ने बताया, 'ट्विटर इंडिया के एमडी ने जवाब दिया है और कुछ समय के लिए वीडियो कॉल के जरिये जांच से जुड़ने की पेशकश की है। उन्होंने पुलिस के साथ सहयोग करने का आश्वासन दिया है।'
अधिकारी ने कहा कि गाजियाबाद पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये जांच में शामिल होने पर माहेश्वरी के जवाब पर असंतोष जताया है। यह दिखाता है कि वह जांच से बच रहे हैं। गाजियाबाद पुलिस ने मामले में अब तक ट्विटर इंडिया और न्यूज वेबसाइट 'द वायर' को नोटिस जारी किया है। इसमें कुछ पत्रकारों और विपक्षी कांग्रेस के नेताओं पर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के इरादे से वीडियो को साझा करने का आरोप है।