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अंधविश्वास पर चला प्रशासन का बुलडोजर, रातों-रात हटाया विवादित जमीन पर बने कोरोना माता मंदिर का मलबा

Janjwar Desk
13 Jun 2021 12:27 PM GMT
अंधविश्वास पर चला प्रशासन का बुलडोजर, रातों-रात हटाया विवादित जमीन पर बने कोरोना माता मंदिर का मलबा
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(गांव के लोग इस कोरोना माता मंदिर में अगरबत्ती जलाकर प्रसाद और जल भी चढ़ाते थे। गांव के लोगों का मानना था कि पूजा करने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा।)

बताया जा रहा है कि इस गांव में शिक्षा का अभाव है। इसलिए गांव का कोई भी शख्स इस अंधविश्वास को रोकने के लिए आगे नहीं आया। उलटे ग्रामीणों के साथ साथ पड़ोसी गांवों के लोग भी पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचने लगे....

जनज्वार डेस्क। प्रतापगढ़ के जूही शुकुलपुर गांव का कोरोना माता मंदिर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। अंधविश्वास के चलते गांव के लोग पांच दिन से पूजा-अर्चना में जुटे हुए थे। इस बीच प्रशासन ने विवादित जमीन पर बने कोरोना माता मंदिर पर बुलडोजर चला दिया। पुलिस प्रशासन ने यह कार्रवाई विवादित जमीन पर मंदिर बनाने की शिकायत मिलने के बात की। शुक्रवार 11 जून की रात प्रतिमा समेत मलबा पांच किमी दूर राजमतिपुर में गिरा दिया। वहीं मंदिर स्थापित करने वाले आरोपी के एक भाई को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

जानकारी के मुताबिक जूही शुकुलपुर गांव में कोरोना की दूसरी लहर में तीन लोगों की मौत हो गयी थी। इसके चलते गांव के लोगों डर के माहौल में रह रहे थे। इस बीच गांव के ही लोकेश श्रीवास्त ने नया तरीका ढूंढ निकाला, उन्होंने गांव में कोरोना माता मंदिर बनाने का फैसला किया। इस मंदिर के लिए ग्रामीणों ने चंदा भी दिया। फिर नीम के पेड़ के नीचे एक चबूतरा तैयार किया गया और 7 जून को कोरोना माता मंदिर के लिए प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई। इस प्रतिमा के चेहरे पर भी मास्क लगा हुआ था।

बताया जा रहा है कि इस गांव में शिक्षा का अभाव है। इसलिए गांव का कोई भी शख्स इस अंधविश्वास को रोकने के लिए आगे नहीं आया। उलटे ग्रामीणों के साथ साथ पड़ोसी गांवों के लोग भी पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचने लगे। गांव के लोग इस कोरोना माता मंदिर में अगरबत्ती जलाकर प्रसाद और जल भी चढ़ाते थे। गांव के लोगों का मानना था कि पूजा करने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा।

इस मामले की जब लोकेश के भाई नागेश ने पुलिस से शिकायत की तो बताया कि कि बिना बंटवारे की जमीन पर कोरोना माता का मंदिर बना दिया गया है। इसके साथ ही अंधविश्वास को बढ़ावा देने का काम हो रहा था। इस पर शुक्रवार 11 जून की रात सांगीपुर पुलिस व लालगंज तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम ने जेसीबी लगाकर कोरोना माता का मंदिर ढहा दिया।

इसके साथ ही मंदिर निर्माण करने वाले लोकेश के भाई को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जहां उससे पूछताछ की जा रही है। रात में ही जेसीबी से मलबे के साथ प्रतिमा को पांच किमी दूर राजमतिपुर में गिरा दिया गया। सांगीपुर थानाध्यक्ष का कहना है कि शिकायत मिली थी। जिसके चलते एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था। कोरोना माता का मंदिर पुलिस ने नहीं हटवाया।

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