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गाड़ियां चुराने के बाद अब देवरिया पुलिस छिनैती भी करने लगी, पल्सर छीनकर चला रहे खुद मांगने पर पीड़ित को दे रहे FIR की धमकी
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के योगीराज में पुलिस के हाथ हल्दी की गाँठ लग गई है। जिसे वह सिर पर लिए उठाए घूम रही है। कोई पूछने वाला नहीं है कितने ही कारनामे दर कारनामे पलटाते रहो। पुलिस का नया कारनामा देवरिया से खुदकर निकला है। यहाँ की पुलिस ने कुशीनगर के रहने वाले एक व्यक्ति से उसकी पल्सर मोटरसाईकिल ही छीन ली। पिछले एक साल से पुलिसवाले पल्सर पर फ्री की मौज ले रहे। इतना ही नहीं पीड़ित द्वारा अपनी बाईक मांगने पर यूपी के बहादुर पुलिसवाले गाड़ी को लूट में दिखाकर पीड़ित से जेल में चक्की पिसवाने की धमकी दे रहे हैं।
मामला जनपद कुशीनगर के गौछीपट्टी थाना कसया का है। यहां के सेमरा गांव थाना कुबेरस्थान की रहने वाली मेहरून्निशा का आरोप है कि वह बीते साल 13 अगस्त 2020 को अपने लड़के के साथ कुशीनगर के थाना कसया निवासी रिश्तेदार कमालुद्दीन के घर गईं थीं। इसी दौरान क्राइम ब्रांच देवरिया की टीम कमालुद्दीन के घर दबिश देकर उसे उठा ले गई। आरोप है कि कमालुद्दीन को ले जाने के साथ ही अपराध शाखा देवरिया में तैनात आरक्षी अनिल व मेराज प्रार्थिनी की मोटरसाइकिल UP57 AR 0442 नंबर की पल्सर भी जबरन उठा ले गए।
आरोप है कि इस विषय में मेहरून्निशा ने थाना कसया में लिखित तहरीर भी दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होने अपने लड़के के साथ जाकर गाड़ी उठाने की बाबत उन पुलिसवालों से पूछा जो उसे उठाकर ले गए थे। पीड़िता का कहना है कि गाड़ी वापस करने की कहने पर आरक्षी अनिल व मेराज उसे व उसके बच्चों को गाली गलौज करने लगता है। आरोप है कि पुलिसवाले कहते हैं कि मोटरसाइकिल से किसी लूट की घटना को दर्शाकर पूरे परिवार को जेल भिजवा देंगे।
पीड़ित पछ इस बात को लेकर परेशान है। मेहरून्निशा का कहना है कि उनकी आज एक साल होने को आया कोई प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई है। उनका कहना है कि सिपाही अक्सर धमकी देते हैं, जिसका उन्हें भय लगा रहता है। हमें कही से भी न्याय की उम्मीद नहीं मिलती दिख रही है।
इस मसले को लेकर समाजसेवी नेता चतुरानन ओझा जनज्वार से कहते हैं कि 'लॉकडाउन के दौर में पुलिस द्वारा जनता के खिलाफ लगातार की जा रही दमनात्मक और अपमानजनक कार्यवाही ने उसकी मानसिकता को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस दौरान पुलिस विभाग का एक हिस्सा अपराधियों के गिरोह में वक्त बदल गया है तथा नौकरशाहों और मंत्रियों का संरक्षण भी उसे प्राप्त है। गोरखपुर में प्रत्यक्ष रूप से लाखों की लूट करने वाले कई पुलिसवालों पर मजबूरन प्रशासन को एफआईआर दर्ज कराना पड़ा है लेकिन देवरिया में कई गाड़ियों के लूट के मामले में पुलिस का नाम सामने आने पर भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।'
चतुरानन ओझा आगे कहते हैं कि 'कार्यवाही करना दूर की बात है आला अधिकारियों द्वारा उल्टा दोषियों को संरक्षण दिया जाता है, जिसके कारण स्थिति और भयावह हो गई है। आज जनता पुलिस और अपराधी में भेद करना भूल चुकी है। या कोई पुरानी कहावत आज चरितार्थ हो रही है कि जिस सरकार का मंत्री चोर होगा उसका संतरी भी चोर ही होगा।'