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प्रधानमंत्री के नहीं आने पर टल जाएगा अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन
जनज्वार। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा है कि हम सोमनाथ मंदिर की तरह भव्य समारोह करना चाहते थे, लेकिन कोविड19 संकट के कारण ऐसा संभव नहीं है... की ओर से तीन अगस्त और पांच अगस्त दो तारीखों का प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए भेजा गया है, जिसमें शामिल होने का आग्रह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया गया है। पर, अगर प्रधानमंत्री किन्हीं वजहों से इन दोनों में से किसी एक तारीख पर अयोध्या आने में असमर्थ रहते हैं तो भूमि पूजन टल जाएगा। यह बात श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महत्व नृत्य गोपाल दास ने एक इंटरव्यू में कही है।
महंत नृत्य गोपाल दास ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा है कि अगर परिस्थितिवश व राष्ट्रीय मुद्दों के कारण प्रधानमंत्री आने में असमर्थ रहते हैं तो राष्ट्रीय हित में भूमि पूजन की तारीख टाल दी जाएगी और हम प्रधानमंत्री के आने की अगली तारीख का इंतजार करेंगे। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया है कि प्रधानमंत्री जरूर कार्यक्रम में आएंगे।
उन्होंने कहा कि हम एक व्यापक भूमि पूजन कार्यक्रम सोमनाथ मंदिर की तरह करना चाहते थे, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल शामिल हुए थे, लेकिन कोविड19 संकट के कारण ऐसा करना संभव नहीं है। उन्होेंने कहा कि वह कार्यक्रम तीन दिन चला था।
महंत नृत्य गोपाल दास के अनुसार, मंदिर का निर्माण 1989 में विश्व हिंदू परिषद द्वारा पेश किए गए स्वरूप के अनुरूप ही होगा। हालांकि संतों की मांग पर इसमें कुछ जोड़ा गया है। मंदिर की हाइट 128 के बजाय 161 मीटर होगी और गुंबदों की संख्या तीन के बजाय पांच होगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने इन बदलावों पर सहमति दे दी है और शनिवार को ट्रस्ट की बैठक में हमने इन परिवर्तनों पर चर्चा की थी।
मालूम हो कि शनिवार को अयोध्या के सर्किट हाउस में न्यास की दूसरी बैठक हुई थी, जिसके बाद महासचिव चंपत राय ने कहा था कि पीएमओ से प्रधानमंत्री के आगमन की सहमति मिलने के बाद भूमि पूजन की तारीख की घोषणा की जाएगी।
महंत नृत्य गोपाल दास पूर्व में प्रधानमंत्री को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक पत्र भी लिख चुके हैं।