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हिन्दू महासभा ने BJP, RSS को दी चेतावनी, मथुरा में दिखाई दिए तो हमसे बुरा कोई नहीं, ये है मामला
प्रतीकात्मक फोटो
Mathura Crime News: मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह में छह दिसम्बर को लड्डूगोपाल का जलाभिषेक का ऐलान करने वाली अखिल भारत हिन्दू महासभा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मथुरा संबंधी ट्वीट से खफा है। उसने कहा कि भाजपा को तो केवल आगामी चुनाव में वोट बटोरने की चिंता है, भगवान कृष्ण या मथुरा की नहीं। मौर्य ने ट्वीट किया था, 'अयोध्या, काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है।'
हालांकि, जिला प्रशासन की आपत्ति के पश्चात महासभा ने उक्त कार्यक्रम में परिवर्तन करते हुए अब हिन्दू मतावलंबियों से छह दिसम्बर को अपने घरों में रहकर लड्डूगोपाल का जलाभिषेक करने का आह्वान किया है। महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चेतावनी दी है,''भाजपा का कोई भी नेता, मंत्री, विधायक, संघ कार्यकर्ता, पदाधिकारी या स्वयंसेवक मथुरा में दिखाई दिया तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा।''
केवल वोट बटोरने की चिंता
उसने कहा कि भाजपा को तो केवल आगामी चुनाव में वोट बटोरने की चिंता है, भगवान कृष्ण या मथुरा की नहीं. मौर्य ने ट्वीट किया था, "अयोध्या, काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है."हालांकि, जिला प्रशासन की आपत्ति के पश्चात महासभा ने उक्त कार्यक्रम में परिवर्तन करते हुए अब हिन्दू मतावलंबियों से छह दिसम्बर को अपने घरों में रहकर लड्डूगोपाल का जलाभिषेक करने का आह्वान किया है.महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि भाजपा का कोई भी नेता, मंत्री, विधायक, संघ कार्यकर्ता, पदाधिकारी या स्वयंसेवक मथुरा में दिखाई दिया तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा.
महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी शास्त्री द्वारा जारी राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी के बयान से संबंधित वीडियो क्लिप में कहा गया है कि सही बात तो यह है कि अयोध्या, काशी या मथुरा इनमें से भाजपा के एजेंडे में कोई भी, कभी भी नहीं रहा. लेकिन अयोध्या का मुकदमा जीतने के बाद मथुरा में शाही ईदगाह को हटाने के लिए हमारे द्वारा मुहिम चलाए जाने के बाद भाजपा मथुरा को भी अपना एजेंडा बताने लगी है.
राम मंदिर में बीजेपी ने फूटी कौड़ी नहीं लगाई
उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि भाजपा के किसी नेता ने पिछले 70 साल में राम मंदिर के संबंध चले मामलों में एक में भी अपनी हाजिरी नहीं दी, फूटी कौड़ी तक नहीं लगाई. महासभा के नेताओं ने यह मुकदमा अपने खर्चे से लड़ा और राम मंदिर मामले में शीर्ष अदालत का फैसला आ जाने के बाद भाजपा उसे अपनी उपलब्धि के रूप जाहिर कर उसके नाम पर वोट बटोरना चाहती है.