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किसानों के आठ दिसंबर के भारत बंद का बढा कारवां, मायावती व शिवसेना भी समर्थन में आयी
Agnipath Scheme Protest : अग्निपथ योजना पर BJP नेता कर रहे हैं अनाप-शनाप और अनर्गल बयानबाजी, मायावती का केंद्र सरकार पर हमला
जनज्वार। नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों के पिछले 15 दिनों से जारी आंदोलन का एक अहम मोड़ आठ दिसंबर को इस मुद्दे को लेकर होने वाला भारत बंद साबित होगा। किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए इस बंद को राजनीतिक दलों के समर्थन का दायरा बढता जा रहा है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस व वाम दलों के बाद कई क्षेत्रीय दल भी इस बंद के समर्थन में आ गए हैं और उम्मीद है कि बंद के एक दिन पहले सात दिसंबर को इस तरह के समर्थन का दायरा और बढेगा।
अबतक किसान आंदोलन पर तटस्थ दिख रही बसपा भी अब बंद के समर्थन में आ गई है। सोमवार सुबह बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक ट्वीट कर ऐलान किया कि उनकी पार्टी बंद का समर्थन करती है। मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि कृषि से संबंधित तीन नए कानूनों की वापसी को लेकर देश भर के किसान आंदोलित हैं व उनके संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है, बीएसपी भी उसका समर्थन करती है। साथ ही केंद्र से किसानों की मांगों को मानने की भी पुनः अपील करती है।
कृषि से सम्बंधित तीन नये कानूनों की वापसी को लेकर पूरे देश भर में किसान आन्दोलित हैं व उनके संगठनों ने दिनांक 8 दिसम्बर को ''भारत बंद'' का जो एलान किया है, बी.एस.पी उसका समर्थन करती है। साथ ही, केन्द्र से किसानों की माँगों को मानने की भी पुनः अपील।
— Mayawati (@Mayawati) December 7, 2020
उत्तरप्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने भी बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट कर आठ दिसंबर के भारत बंद को पूर्ण समर्थन का ऐलान किया। वहीं, सोमवार को उनकी पार्टी किसान यात्रा कर रही है। कन्नौज में हो रही इस यात्रा के जरिए अखिलेश यादव किसानों के समर्थन में एकजुटता की अपील करेंगे। उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में लोगों से इसमें एकजुटता की अपील की है।
किसानों के 'भारत बंद' को सपा का पूर्ण समर्थन!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 6, 2020
क़दम-क़दम बढ़ाए जा, दंभ का सर झुकाए जा
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 7, 2020
ये जंग है ज़मीन की, अपनी जान भी लगाए जा
'किसान-यात्रा' में शामिल हों! #नहीं_चाहिए_भाजपा
वहीं, महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार चला रही शिवसेना ने भी रविवार रात बंद के समर्थन का ऐलान किया। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने एक ट्वीट कर कहा कि देश के किसानों द्वारा किए जा रहे आठ दिसंबर के भारत बंद को शिवसेना पूर्ण समर्थन करती है। उन्होंने लिखा कि किसान अन्नदाता हैं, इसलिए उनके प्रति हमारी नैतिक जिम्मेवारी के नाते देश की जनता को भी किसानों के बंद में स्वेच्छा से हिस्सा लेना चाहिए। शिवसेना किसानों की मांग और आठ दिसंबर के भारत बंद में उनके साथ है।
देश के किसानों द्वारा पुकारे गए राष्ट्रव्यापी बंद को शिवसेना का समर्थन!
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 6, 2020
किसान अन्नदाता हैं,इसलिए उनके प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी के नाते देश की जनता को भी किसानों के बंद में स्वेच्छा से हिस्सा लेना चाहिए।शिवसेना किसानों की मांगों और 8 दिसंबर के भारत बंद में उनके साथ है
जय हिंद! pic.twitter.com/lcgVcLEIqJ
झारखंड में कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे झामुमो ने भी बंद का समर्थन किया है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष व राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को ट्वीट कर बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है।
देश के आन-बान-शान हैं हमारे मेहनती किसान।
— Hemant Soren (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) December 6, 2020
देश के मालिक को मजदूर बनाने के केंद्र सरकार के षड्यंत्र के खिलाफ़ झारखण्ड में भी होगा उलगुलान।
किसान अन्नदाताओं के पक्ष में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा परिवार 8 दिसंबर को भारत बंद का पूर्ण समर्थन करता है।
तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी द्रमुक ने बंद का समर्थन किया है। गैर एनडीए शासित अधिकतर राज्यों में सत्तापक्ष के दलों ने ही बंद के आह्वान का समर्थन कर दिया है, वहीं जहां एनडीए सरकार में है, वहां मुख्य विपक्षी दलों ने बंद का समर्थन किया है।
पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस ने भी किसानों के भारत बंद को नैतिक समर्थन देने का ऐलान किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा है कि बंगाल में उनकी पार्टी अपने विरोध प्रदर्शन में इस कानून को वापस लेने की मांग करेगी और इससे संबंधित विधेयक को संसद की स्थायी समिति या सलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग करेगी।