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Kanpur News: कानपुर के दागी दरोगा ने किया प्रेसवार्ता का एलान, मैसेज हुआ वायरल तो किया गया सस्पेंड

Janjwar Desk
2 Jan 2022 4:11 AM GMT
Lucknow News
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दरोगा दयाशंकर वर्मा 2014 में बर्रा थाने में मुंशी के पद पर तैनात था। इसी दौरान एक लुटेरे से रिश्वत लेने के मामले में तत्कालीन आईजी आशुतोष पांडेय ने उसकी गिरफ्तारी करवाकर जेल भेजा था...

Kanpur News: कानपुर के थाना नजीराबाद (Najirabad) में तैनात एक दागी दरोगा चर्चा में है। दरोगा ने शहर के कुछ मीडिया व्हाट्सएप्प ग्रुपों पर एक मैसेज वायरल कर दिया। इस मैसेज में दावा किया गया है कि दरोगा रविवार 02 जनवरी को एक प्रेसवार्ता करेगा। आनन-फानन पुलिस अफसरों ने इसका संज्ञान लिया और दरोगा को निलंबित कर दिया।

इससे पहले भी दरोगा पर विभागीय कार्रवाई की जा चुकी है। और वह जेल भी जा चुका है। अब इस मैसेज के वायरल होने के बाद उसके खिलाफ एक बार फिर विभागीय जांच शुरू कराई गई है। दागी दरोगा दयाशंकर वर्मा (Dayashankar Verma) थाना नजीराबाद में तैनात था। दो दिन पहले ही उसे लाइन हाजिर किया गया था।

दरोगा दयाशंकर वर्मा 2014 में बर्रा थाने में मुंशी के पद पर तैनात था। इसी दौरान एक लुटेरे से रिश्वत लेने के मामले में तत्कालीन आईजी आशुतोष पांडेय ने उसकी गिरफ्तारी करवाकर जेल भेजा था। अब दरोगा लगातार दावा कर रहा है कि वह निर्दोष था। तत्कालीन थानेदार व अन्य पुलिस कर्मियों ने मिलीभगत कर उसे जेल भेजा था।

इसी बात को लेकर उसने मैसेज वायरल किया कि वह रविवार को किदवई नगर में एक प्रेस कांफ्रेंस करेगा। इस बात की जानकारी होते ही उसे निलंबित कर दिया गया। हालांकि, जब से उसे लाइन हाजिर किया गया था, उसने अपनी आमद दर्ज नहीं कराई है। जिसके बाद से वह गैरहाजिर चल रहा है।

रिश्वतखोरी का ऑडियो हुआ था वायरल

नवंबर 2020 में एक कॉल रिकार्डिंग वायरल हुई थी। जिसमें दरोगा दयाशंकर एक शख्स से तीन हजार रूपये की रिश्वत मांग रहा है। तत्कालीन एसएसपी ने उसे निलंबित कर दिया था। तब दयाशंकर की ककवन थाने में तैनाती थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दरोगा से संबंधित इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। वह दोषी भी पाया जा चुका है।

खुद के जाल में फंस रहा दरोगा

जेल भेजे जाने के मामले में दयाशंकर ने शासन से शिकायत की थी। जिसकी जांच कुछ समय पहले एडीसीपी साउथ ने की थी। जिसमें मामले की विस्तृत जांच कराने की सिफारिश की गई है। दरोगा ने तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित कई पर आरोप लगाए हैं। सूत्रों की माने तो दरोगा जांच में खुद ही फंसा रहा है। हालांकि मामला पुराना है, इसलिए विस्तृत जांच की आवश्यकता है।

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