- Home
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Lucknow News : दिनेश...
Lucknow News : दिनेश खटीक के इस्तीफे का असर, जल शक्ति विभाग में हुआ कार्यों का बंटवारा
Lucknow News : दिनेश खटीक के इस्तीफे का असर, जल शक्ति विभाग में हुआ कार्यों को बंटवारा
Lucknow News : योगी सरकार ( Yogi government ) के अधीन जल शक्ति विभाग ( Jal Shakti Department ) में मंत्रियों के बीच कार्यों का बंटवारे के साथ ही स्वतंत्र देव सिंह ( Swatantra Dev Singh ), दिनेश खटीक ( Dinesh Khatik ) और रामकेश निषाद ( Ramkesh Nishad ) के बीच जारी मनभेद भी लगभग समाप्त माना जा रहा है। मंत्रियों के बीच विवाद और असंतोष का मसला हाल ही में दिनेश खटीक के इस्तीफे के बाद पब्लिक डोमेन में आया था और भाजपा ( BJP ) के अंदर सियासी भूचाल मच गया था। उस समय सीएम योगी ने मंत्रियों और अधिकारियों के बैठक कर मामले को ठंड किया और जल्द ही कार्यों के बंटवारे का भरोसा दिया था।
ताजा अपडेट यह है कि दिनेश खटीक ( Dinesh Khatik resignation ) के इस्तीफे का असर दिखा और जल शक्ति विभाग ( Jal Shakti Department ) में तीनों मंत्रियों के बीच कार्यों का बंटवारा हो गया है। विवादों के बाद जल शक्ति विभाग के दोनों राज्यमंत्रियों दिनेश खटीक व रामकेश निषाद को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
जल शक्ति विभाग ( Jal Shakti Department ) में दोनों राज्यमंत्रियों को बाढ़ नियंत्रण के अंतर्गत ड्रेनों का निरीक्षण, जलाशयों का निरीक्षण एवं समीक्षा, नहरों, बैराजों, लघु नहरों, परती भूमि का निरीक्षण आदि के काम दिए गए हैं। दोनों मंत्री बांध पुनर्स्थापना एवं सुधार परियोजना, बांध सुरक्षा एक्ट की समीक्षा, सहभागिता सिंचाई प्रबंधन एक्ट के अनुश्रवण का कार्य भी देखेंगे।
राज्य मंत्री रामकेश निषाद ( Ramkesh Nishad ) राजस्व मंडल लखनऊ, प्रयागराज, आजमगढ़, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, वाराणसी, फैजाबाद एवं विंध्यांचल के सिविल यांत्रिक संगठन के राजस्व अधिष्ठान के समूह ,ग के अपील एवं दंड से संबंधित कार्य देखेंगे।
दूसरी तरफ दिनेश खटीक ( Dinesh Khatik ) सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, झांसी, मिर्जापुर, बरेली मंडल के कार्य दिनेश खटीक को दिए गए हैं।
बता दें कि योगी मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने विभागीय अधिकारियों द्वारा अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। खटीक ने अमित शाह को पत्र लिखकर इस्तीफे की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने इस पत्र की एक कॉपी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजी थी। दिनेश खटीक ने इस पत्र में आरोप लगाया था कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती और न ही किसी बैठक की सूचना उन्हें दी जाती है।