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उत्तर प्रदेश

आत्मघाती बयान के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटीं मायावती, बोलीं तोड़-मरोड़कर पेश किया गया बयान

Janjwar Desk
2 Nov 2020 2:29 PM IST
Agnipath Scheme Protest : अग्निपथ योजना पर BJP नेता कर रहे हैं अनाप-शनाप और अनर्गल बयानबाजी, मायावती का केंद्र सरकार पर हमला
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Agnipath Scheme Protest : अग्निपथ योजना पर BJP नेता कर रहे हैं अनाप-शनाप और अनर्गल बयानबाजी, मायावती का केंद्र सरकार पर हमला 

मायावती ने कहा कि मेरे बयान को गलत प्रचारित किया गया। बसपा की सिर्फ भाजपा के साथ बात गलत है, हमने कहा था कि समाजवादी पार्टी को हराने वाले किसी भी दल का साथ देंगे, सपा को हराने के लिए भाजपा या किसी अन्य दल को समर्थन देंगे.....

लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश उपचुनाव के बीच आत्मघाती बयान के बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अपने डैमेज कंट्रोल में जुट गईं हैं। मायावती ने कहा कि कांग्रेस व सपा के लोग उनके बयान की गलत व्याख्या कर भ्रम फैला रहे हैं। यूपी में होने वाले एमएलसी चुनावों में बसपा, सपा को हराने के लिए भाजपा या किसी अन्य पार्टी का समर्थन करेगी।

मायावती ने कहा कि हमने सपा के दलित विरोधी कार्यों के खिलाफ कड़ा रूख दिखाने के लिए यह निर्णय लिया है। मायावती ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में बसपा को भाजपा की बी टीम कहे जाने पर भी सफाई दी। मायवती ने कहा कि हमने भाजपा के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन की बात नहीं कही है। भाजपा के साथ गठबंधन की बात गलत है।

बीएसपी सुप्रीम ने आगे कहा कि मेरे बयान को गलत प्रचारित किया गया। बसपा की सिर्फ भाजपा के साथ बात गलत है। हमने कहा था कि समाजवादी पार्टी को हराने वाले किसी भी दल का साथ देंगे। सपा को हराने के लिए भाजपा या किसी अन्य दल को समर्थन देंगे।

मायावती ने आगे कहा कि बसपा की विचारधारा सर्वधर्म हिताय सर्वधर्म सुखाय की है। इसी कारण हमने बीते लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा उपचुनाव में भी सभी वर्ग के लोगों के साथ मुस्लिमों को टिकट दिया है।

उन्होंने कहा कि हमने यह फैसला समाजवादी पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता को देखते हुए लिया। उन्होंने कहा कि जब-जब बसपा ने भाजपा का साथ दिया, भाजपा का नुकसान हुआ लेकिन जब-जब समाजवादी पार्टी सत्ता में आई भाजपा का लाभ हुआ। बसपा सरकार में उत्तर प्रदेश में एक भी हिंदू मुस्लिम दंगा नहीं हुआ जबकि समाजवादी पार्टी व कांग्रेस राज ऐसी घटनाओं से भरा पड़ा है जिसमें जनता को जानमाल का काफी नुकसान उठाना पड़ा। बसपा का भाजपा से कोई गठजोड़ नहीं है।

बता दें कि राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी के नामांकन भरने के बाद बसपा के सात विधायक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने चले गए थे जिससे नाराज बसपा ने विधायकों को निलंबित कर दिया और सपा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। तब अखिलेश यादव ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रकाश बजाज को समर्थन देकर उन्होंने भाजपा-बसपा की सांठगांठ की पोल खोल दी। उन्होंने मायावती का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग भाजपा से मिले हुए हैं उनका पर्दाफाश होना जरूरी था।

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