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उत्तर प्रदेश

सरकार और सिस्टम से जनता की नाराजगी आने लगी बाहर, जौनपुर में 2 दर्जन मौतों के बाद गई जांच टीम को ग्रामीणों ने खदेड़ा

Janjwar Desk
16 May 2021 5:04 AM GMT
सरकार और सिस्टम से जनता की नाराजगी आने लगी बाहर, जौनपुर में 2 दर्जन मौतों के बाद गई जांच टीम को ग्रामीणों ने खदेड़ा
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फोटो - शोसल मीडिया

लपरी गांव में अब तक हुईं करीब 2 दर्जन से अधिक लोगों की मौतों से गांव में खौफ का पसरा है। हैरान करने वाली बात ये है कि लगातार हो रहीं मौतों की खबर फैलने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए गांव में पहुंची तो वहां से उसे कथित तौर पर गाली देकर खदेड़ दिया गया...

जनज्वार, जौनपुर। उत्तर प्रदेश में अब सरकार की लापरवाही पर जनता का गुस्सा दिखने लगा है। जौनपुर जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां सोंधी ब्लॉक के लपरी गांव में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद से अब तक करीब 20 लोगों की सांस फूलने और बुखार व पेट दर्द से मौत हो चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस खबर से बेखबर रहा।

जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव के बाद से लपरी गांव में अब तक हुईं करीब 2 दर्जन से अधिक लोगों की मौतों से गांव में खौफ का पसरा है। हैरान करने वाली बात ये है कि लगातार हो रहीं मौतों की खबर फैलने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए गांव में पहुंची तो वहां से उसे कथित तौर पर गाली देकर खदेड़ दिया गया।

बताया जा रहा है कि गांव में अभी भी बड़ी संख्या में लोग बीमार चल रहे हैं। आरोप है कि गांव में आशा बहुएं एवं आंगनबाड़ी सहायिकाएं अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से नहीं निभा रही हैं। गांव के लोगों से जब संपर्क किया गया तो अध्यापक आज़म खान ने जानकारी दी कि पंचायत चुनाव के बाद से लोग बीमार पड़ गए जिनमें कई लोगों की मृत्यु हो गई।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पंचायत चुनाव के तीसरे दिन से लोगों में सांस फूलने तथा पेट में मरोड़ दर्द व बुखार के लक्षण सामने आने लगे थे। इसके बाद हर रोज एक से दो लोगों की मौत हो जाती थी। इस संबंध में नवनिर्वाचित प्रधान इरशाद अहमद व पूर्व प्रधान प्रेम चंद ने इस बात कि पुष्टि भी की। उन्होने बताया कि अब तक करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कोरोना वायरस के सिम्टम्स नहीं थे।

मामले में जब गांव की एएनएम अंजू कौल से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध में किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया। सोंधी ब्लॉक पीएचसी प्रभारी डॉ रमेश चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मौतों का आंकड़ा देना हमारा काम नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सैंपलिंग के लिए हमारी टीम आज गांव में गई थी लेकिन ग्रामीणों ने गाली देकर खदेड़ दिया

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