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कानपुर में दो भाजपा समर्थकों की हत्या, एक बनने वाला था पिता तो दूसरा था घर का इकलौता चिराग
जनज्वार ब्यूरो/कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित नवाबगंज में शुक्रवार देर रात हुई दो हत्याओं से इलाके में दहशत है। मामला चुनावी रंजिश का बताया जा रहा है। मरने वाले युवक इलाकाई भाजपा समर्थक बताए जा रहे हैं। जिनको तथाकथित बसपा समर्थकों ने पहले गोली मारी फिर चापड़ से काटकर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
नवाबगंज के उजियारी पुरवा गांव के बाहर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के अंदर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि पूर्व में पंचायत सदस्य के हुए चुनाव में बसपा और भाजपा समर्थकों का झगड़ा हुआ था। जिसके बाद गांव के ही बसपा समर्थकों शिवम, विशाल, विकास उर्फ बिक्का और आकाश उर्फ अक्का ने भाजपा समर्थक 26 वर्षीय राजकुमार सहित परमिया पुरवा निवासी 28 वर्षीय रवि कुमार गौतम की पुरानी चुनावी रंजिश के चलते हत्या कर दी।
थाना क्षेत्र नबाबगंज के उजियारीपुरवा पंचमुखी हनुमान मन्दिर के पास हुए डबल मर्डर तथा अन्य कार्यवाही करने के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक पश्चिम द्वारा दी गयी बाइट । @Uppolice @adgzonekanpur @igrangekanpur pic.twitter.com/rOON26lSDi
— Kanpur Nagar Police (@kanpurnagarpol) February 20, 2021
शुक्रवार 19 फरवरी की देर रात राजकुमार और रवि गौतम हनुमान मंदिर के बाहर बैठकर बातें कर रहे थे। इसी दौरान शिवम, विशाल, आकाश और विकास वहां आये तथा दोनों भाजपा समर्थकों को गाली गलौच करनी शुरू कर दी। विरोध करने पर युवकों ने चापड़, बांके निकाल कर दोनों युवकों पर हमला कर दिया। दोनों जान बचाने के लिए मंदिर के अंदर घुसे तो बसपा समर्थक हत्यारों ने पीछा कर गोली मार दी फिर चापड़ से काटकर दोनों की जान ले ली।
दोहरे हत्याकांड की सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि दोनों युवकों की हत्या में चुनावी रंजिश की बात सामने आ रही है। परिजनों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हत्यारों की तलाश में टीमें लगा दी गईं हैं। डीआईजी के मुताबिक राजकुमार फर्नीचर ठेकेदार और रवि गौतम उसका हेल्पर था।
पुलिस की भूमिका पर भी सवाल
नवाबगंज के दोहरे हत्याकांड में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मृतक रवि और राजकुमार के परिजनों का कहना है कि एक महीने पहले मारे गए दोनों युवकों का आरोपियों से विवाद हुआ था। आरोपियों ने दोनों के साथ मारपीट की थी। जिसके बाद राजकुमार ने आरोपियों के खिलाफ नवाबगंज थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया था। इसके बाद आरोपियों के हौंसले बुलंद हो गए और दोहरा हत्याकांड हुआ।
पिता बनने से पहले मौत तो दूसरा था इकलौता चिराग
हत्याकांड में मारे गए भाजपा समर्थक राजकुमार की ढाई साल पहले शादी हुई थी। उसकी पत्नी आरती सात माह के गर्भ से है। बच्चे के जन्म से पहले ही उसके सर से पिता का साया उठ चुका है। राजकुमार के पिता जयराम का कहना है कि पुलिस अगर पहले सुन लेती तो यह सब नहीं होता। वहीं दूसरी तरफ रवि गौतम अपने माता-पिता का इकलौता चिराग था। वह परिवार का पेट पालने वाला अकेला सहारा था। दो साल पहले रवि की भी शादी हुई थी।