Begin typing your search above and press return to search.
जनज्वार विशेष

UP Flood News: बाढ़ ने मचाई तबाही, गांव में घुसा पानी, संपर्क मार्ग टूटे, हजारों एकड़ फसले हुई जलमग्न

Janjwar Desk
27 Aug 2022 5:16 PM IST
UP Flood News: बाढ़ ने मचाई तबाही, गांव में घुसा पानी, संपर्क मार्ग टूटे, हजारों एकड़ फसले हुई जलमग्न
x

प्रतीकात्मक फोटो

UP Flood News: यूपी में बाढ़ से कई जिलों में यमुना, नदियां तबाही मचा रही है। बाढ़ का पानी गांवों के भीतर घुस गया। जिससे लोग घर का सामान निकाल ऊचाई पर जा रहे है। मवेशियों का चारा भूसा पानी में बह गया।

लईक अहमद की रिपोर्ट

UP Flood News: यूपी में बाढ़ से कई जिलों में यमुना, नदियां तबाही मचा रही है। बाढ़ का पानी गांवों के भीतर घुस गया। जिससे लोग घर का सामान निकाल ऊचाई पर जा रहे है। मवेशियों का चारा भूसा पानी में बह गया। तमाम गांवों के संपर्क मार्ग टूट गये है। कुछ जगहों में प्रशासन की बदइंतजामी देखने को मिली,नाव की व्यवस्था नहीं कराये जाने से लोग परेशान नजर आये। पानी के भराव से हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई। हमीरपुर जिले में 39 साल पहले जैसी बाढ़ देखने को मिली जहां नहीं पहुंचा पानी इस साल पहुंच गया। कमीशनर, आईजी ने बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा किया है। लोग हाइवें पर शिविर कैंप बनायें है। मवेशी भी रोड पर देखे जा रहे है।

फतेहपुर में यमुना नदी उफान पर है। परसेढ़ा,दपसौरा तमाम गांवों में बाढ़ देखने को मिली। प्रशासन के बदइंतजामी के चलते लोग परेशान नजर आये। गांव में पानी भरने से लोग छोटी नाव में सामान लाद कर ऊचे स्थान के लिए जा रहे है।

हमीरपुर में यमुना ने मचाई तबाही, 39 साल पहले की दिलाई याद हमीरपुर में बीते 39 सालों का रिकार्ड तोड़ते हुए बाढ़ की विभीषिका ने खासी तबाही मचाई हुई है। जिन इलाकों में नहीं पहुंचा था पानी भर गया। आज यमुना ने इतना विकराल रूप लिया की तटबंध के ऊपर से ओवरफ्लो हो गई है और पानी भीतर ही भीतर बस्तियों को जलमग्न करता हुआ बेतवा में जा मिला है। वहीं यमुना का पानी नेशनल हाईवे के ऊपर से गुजर रहा है। जिसके साथ ही हमीरपुर में हैवी वाहनों का प्रवेश निषेध कर दिया गया है।

ऊचाई इलाके में रहने की मुनादी हुई

जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित गांव क्षेत्रों में मुनादी करवा कर लोगों से ऊचाई में रहने की अपील की गई है।

1983 में आई थी बाढ़

हमीरपुर में यमुना 107 मीटर पर बह रही हैं। मुख्यालय से सटे दर्जन भर गांवों और डेरों में पानी भर गया है। लोग अपना घर छोड़ कर सड़कों पर जीवन यापन कर रहे हैं। जिसकी वजह से हाइवे पर मेले जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। सड़कों के किनारे जगह-जगह जानवर बंधे हैं। तो वहीं जगह-जगह पन्नी के तम्बू भी दिखाई दे रहे हैं।

तीन राहत शिविर बनायें गये

प्रशासन ने शहर में तीन जगह बाढ़ राहत शिविर भी बनाए हुए हैं। इसके बाद भी लोग सड़कों पर हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना है इससे पहले 1983 में ऐसी बाढ़ आई थी। 39 साल में रिकार्ड इस बार टूट रहा है।

कमिशनर - डीआईजी ने गांवों का किया दौरा

हमीरपुर में कमिशनर और डीआईजी ने एनडीआरएफ की टीम के साथ गांव का जायजा लिया। और लोगों से अपील की है कि प्रशासन हर हालात में उनके साथ हैं। सूचना दिए जाने पर हर तरह की राहत फौरन पहुंचाई जाएगी। कमिश्नर और डीआईजी ने बताया कि दर्जन भर गांवों से और डेरों से बहुतायत में लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा चुका है।कुछ लोग अपने घरों की रखवाली के लिए रुके हैं। इस दौरान अगर कोई परेशानी आती है तो उनको भी निकाल लिया जाएगा।

बांदा में सौ से अधिक गांवों का संपर्क कटा

हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी ने बाढ़ प्रभावित गांवों में तबाही मचानी शुरू कर दी है। बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव के संपर्क मार्ग टूट गया। इसके साथ ही करीब 30 गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इनमें तीन गांव ऐसे हैं जिन्हें प्रशासन ने खाली करा लिया है। इन गांवों के पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। प्रशासन ने बाढ़ के दौरान बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलाया है।

नदी का जलस्तर बढ़ने से पैलानी तहसील के अंतर्गत बाढ़ ने भारी तबाही मचानी शुरू कर दी है। बाढ़ प्रभावित गांवों कि स्थितियां विकराल है। रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इस इलाके के नांदादेव गांव का पुरवा, शंकरपुरवा और गडोला में पानी भर जाने से इन्हें खाली करा लिया गया है और यहां रहने वाले ग्रामीणों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में इस समय प्रशासनिक अधिकारी लगातार भ्रमण कर रहे हैं। जिन गांवों का संपर्क टूट गया है। वहां नावों की व्यवस्था की गई है और प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकी के माध्यम से निगरानी की जा रही है। वहीं चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर आरपी सिंह ने कहा कि केन बेतवा और यमुना नदी में बाढ़ को देखते हुए मंडल कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिसके माध्यम से बाढ़ पर निगरानी रखी जा रही है।

नदी के उफान से चित्रकूट के हालात

चित्रकूट जिले में राजापुर की कमासिन रोड पर सरधुवा अर्की मोड़ पर पानी भर गया। इससे तिरहार के सभी गांवों व कमासिन बबेरू, बांदा का रास्ता बाधित हो गया है। प्रशासन ने इस पार से उस पार जाने के लिए नाव की सुविधा मुहैया कराई है। वाहनों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा दी गई है। वहीं, मानिकपुर के हनुमा गांव में बाढ़ से आवागमन बाधित हो गया।

मऊ में छोई नदी, घुरेहटा नदी, पूरबपताई और पश्चिम पताई के मध्य की नदी व मानकुंवर तिलौली के मध्य की नदी, तिलौली और सेषा गांव के मध्य की नदियों का सीधा संपर्क यमुना नदी से है। ये सभी नदियां उफनाई हुईं हैं। इनका पानी सड़कों तक पहुंच गया है। फसलें डूब गईं हैं। भीषण बाढ़ के कारण आवागमन बाधित है। अंतिम छोर पर बुंदेला नाला, पर्दवां ग्राम पंचायत के पाली कुरिया नाला, बरहा कोटरा का जमोहर नाला उफनाने से रपटे डूब गए। करीब दो दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है। मवई कला गांव के अंदर यमुना नदी का घुस गया है। मंडौर दूबारी, वियावल, ताड़ी, बरवार आदि गांव यमुना की बाढ़ से प्रभावित हैं।

जल भराव से फसलों को पहुंचा नुकसान

ग्रामीणों के मुताबिक नदी का पानी फसलों में भरने से बाजरा, अरहर, तिली, धान, सब्जी आदि फसलों का नुकसान हुआ है। राजापुर एसडीएम प्रमोद झा के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाकों पर लगातार नजर रखी जा रही है। नावों की व्यवस्था कराई गई है।

कानपुर देहात में राजपुर और पुखरायां क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित करीब तीस गांवों में यमुना ने अब कहर बरपाना शुरू कर दिया है।कालिंदी नदी में लगातार पानी के बढ़ने से खतरे के निशान से सवा तीन मीटर ऊपर पानी पहुंचने से करीब 30 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

फसले जलमग्न हुई

ग्रामीणों के मुताबिक करीब एक हजार एकड़ फसले जल मग्न हो चुकी है। नदी में खतरे के निशान से ऊपर पानी होने से लोग सरकारी स्कूलों के साथ ही घरों की छतों पर गृहस्थी का सामान रखकर डेरा जमा लिया है। मार्गों पर पानी भर जाने से आवागमन प्रभावित हुआ है। लोग जरूरी काम पर नाव का सहारा ले रहे हैं।

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से सेंगुर नदी उफान में

इसी तरह मूसानगर क्षेत्र के 22 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। बाढ़ प्रभावित पथार गांव निवासी रामसजीवन, विनोद ने बताया के गांवों के चारों तरफ पानी भर रहा है। पथार और नया पुरवा गांव में नीचे के घरों में पानी भर गया है। इससे लोग गृहस्थी का सामान लेकर छतों पर डेरा जमा रहे हैं। बताया जल भराव के चलते आवागमन के रास्ते भी बंद होते जा रहे हैं। खेतों के साथ जंगल भी जलमग्न हो गये। खतरे को देखते हुए गांव के लोग रात भर जाग कर नदी के जलस्तर पर नजर रख रहे हैं। उनका कहना है कि पानी बढ़ने के साथ ही लोग सुरक्षित व ऊंचाई वाले स्थानों पर चले जाएंगे। कहाकि मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

केंद्रीय जल आयोग कालपी कार्यालय के कर्मचारी सौरभ यादव ने बताया कि गुरुवार की शाम को यमुना का जलस्तर 111.20 मीटर के ऊपर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से सवा तीन मीटर ऊपर है। यमुना की तलहटी पर बसा महदेवा गांव भी पानी से घिर गया है। गांव के चारों ओर पानी भरने से रास्ता जलमग्न है। नाव से लोग आवागमन कर रहे हैं। कई मकानों में पानी भरने से लोग सुरक्षित स्थानों पर ठिकाना तलाशने लगे हैं। जैसलपुर गांव में कई लोगों के मकान पानी से घिर गए हैं। गांव के प्राइमरी स्कूल में तीन परिवारों को ठहराया गया है। ग्रामीणों का कहना है गृहस्थी का सामान और पशुओं का भूसा पानी में बह गया है।

राजपुर संवाद के मुताबिक यमुना नदी किनारे बीहड़ पट्टी के जैसलपुर, महदेवा, गौरीरतन बागर, गौहानी बछाटी, भुपैय्यापुर में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। जैसलपुर गांव के कठोरे लाल, भगवान दास, सुनील व मनोज ने बताया कि बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध