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उत्तर प्रदेश

कुलदीप सेंगर रेप केस में महिला IAS-IPS अधिकारी लापरवाही की दोषी, CBI ने की विभागीय जांच की सिफारिश

Janjwar Desk
8 Sept 2020 1:17 PM IST
कुलदीप सेंगर रेप केस में महिला IAS-IPS अधिकारी लापरवाही की दोषी,  CBI ने की विभागीय जांच की सिफारिश
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जिले की कमान संभाल रही महिला कलेक्टर व महिला एसपी ने एक महिला के साथ हुए बलात्कार मामले में लापरवाही बरती। CBI ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है...

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के चर्चित कुलदीप सेंगर रेप कांड में सीबीआइ जांच में तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठा है। भाजपा के विधायक रहे कुलदीप सेंगर पर एक लड़की का बलात्कार करने का आरोप है। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है और उसने अपनी जांच में उस समय पदस्थापित आइएएस अधिकारी अदिति सिंह, आइपीएस अधिकारी पुष्पांजलि सिंह और नेहा पांडेय को पूरे मामले में लापरवाही का दोषी माना है।

सीबीआइ ने इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। 2009 बैच की आइएएस अधिकारी अदिति सिंह 24 जनवरी 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक उन्नाव में तैनात थीं और इस दौरान बलात्कार पीड़िता ने कई बार प्रशासन के पास शिकायत की, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वे उस समय उन्नाव में डीएम थीं। वर्तमान में अदिति सिंह हापुड़ की डीएम के पद पर तैनात हैं।

वहीं, उन्नाव में उस वक्त 2006 बैच की आइपीएस अधिकारी पुष्पांजलि सिंह एसपी के रूप में तैनात थीं। पुष्पांजलि सिंह पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने पीड़िता की शिकायत नहीं सुनी और इस मामले में पीड़ित परिवार के उत्पीड़न पर पर्दा डालने की कोशिश की। जांच में यह आरोप लगा है कि कुलदीप सेंगर के शह पर जब पीड़ित लड़की के पिता को पीटा गया जिससे उनकी मौत हो गई तो आइपीएस पुष्पांजलि ने मामले को दबाने की कोशिश की। इस वक्त पुष्पांजलि गोरखपुर में रेलवे एसपी के पद पर तैनात हैं।

क्या है उन्नाव बलात्कार मामला?

उन्नाव बलात्कार केस के नाम से चर्चित यह मामला चार जून 2017 का है। इस दिन 17 वर्षीया नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार हुआ था। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी है। उस दौर में इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था, जिसके बाद मामले की सीबीआइ जांच की सिफारिश की गई। पीड़ित लड़की ने आठ अप्रैल 2018 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के पास धरना दिया। उसके कुछ दिनों बाद संदिग्ध परिस्थिति में उसके पिता की मौत हो गई थी।

11 जुलाई 2018 को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। उसके खिलाफ दूसरा आरोपपत्र भी दायर किया गया। बाद में उसे अदालत ने आजीवन कारावास की इस मामले में सजा सुनायी। इस मामले की पीड़िता भी संदिग्ध ढंग से एक ट्रक के टक्कर से घायल हो गई थी व परिवार के एक अन्य सदस्य की मौत हो गई थी।

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