Uttarakhand News : आप की 'मुफ्त बिजली गारंटी' योजना के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई आज
नैनीताल हाईकोर्ट ने याची को बिजली बिल गारंटी कार्ड को मुद्दा निर्वाचन आयोग के समक्ष देने उठाने का सुझाव दिया है।
नैनीताल। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की अपनी सरकार बनने पर तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने की घोषणा को लेकर उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के एक पूर्व सदस्य ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ में दायर इस मामले की सुनवाई आज होगी। याचिकाकर्ता ने योजना के कई बिंदुओं पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है। इस याचिका में आम आदमी पार्टी द्वारा बनाए जा रहे गारंटी कार्ड को जिस प्रकार से चिन्हित किया गया है, उससे इस याचिका को राजनैतिक हलकों में सियासी चश्मे से भी देखा जा रहा है।
गारंटी कार्ड पर आपत्ति दर्ज
दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार हिस्सा ले रही आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में अपनी सरकार बनने पर प्रत्येक परिवार को तीन सौ यूनिट बिजली प्रति माह मुफ्त देने का वायदा किया है। इसके तहत लोगों से संपर्क कर गारंटी कार्ड बांटे जा रहे हैं। दिल्ली के सीएम एवं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि यदि उत्तराखंड में आप की सरकार बनी तो 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। इसके बाद आप कार्यकर्ता घर—घर जाकर लोगों को गारंटी कार्ड बनाकर उनका रजिस्ट्रेशन करने के बहाने जनता से व्यापक जन संपर्क कर रहे हैं। इस पर आपत्ति करते हुए अल्पसंख्यक आयोग के एक पूर्व सदस्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
रजिस्ट्रेशन कराना असंवैधानिक कार्य
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एकलपीठ में देहरादून के विकास नगर निवासी व उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य संजय जैन की इस याचिका में कहा है कि आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोठियाल द्वारा उत्तराखंड की जनता को उनकी सरकार आने पर फ्री में 300 यूनिट बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड बांटा जा रहा है। इसमे शर्त रखी है कि पहले उन्हें पार्टी द्वारा जारी मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल करना है। फिर उन्हें 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है। यह कार्ड सदस्यों को संभाल के रखना है। तभी उनको सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि आप पार्टी द्वारा लिखित में रजिस्ट्रेशन कराना पूरी तरह असंवैधानिक है। आम आदमी पार्टी द्वारा 300 यूनिट फ्री में देने का कोई लिखित पत्र सरकार को नहीं दिया, न ही इनकी सरकार है। साथ ही उन्हें सरकार ने भी इसकी कोई अनुमति नहीं दी। फिर वे किस हैसियत से लोगों से गारंटी कार्ड भरवा रहे हैं। इस तरह के गारंटी कार्ड भराना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के विरुद्ध है।
जनता के साथ धोखा
याची ने कहा कि यह आचरण जनता को गुमराह करने वाला है। इस पर आदर्श आचार संहिता के अंतगर्त रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में आदर्श आचार संहिता कमीशन बनाने के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता यह भी कहना है कि वह इसका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन बिना सरकार के गारंटी कार्ड देना जनता के साथ धोखा है। यह तो सरकार का काम है। याचिका में केंद्रीय निर्वाचन चुनाव आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, आम आदमी के अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया है। इस याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई की जाएगी।